बाढ़ व जलजमाव से बर्बाद हुई फसल, भरपाई की सता रही चिता

बगहा । बीते दिनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 10:58 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 10:58 PM (IST)
बाढ़ व जलजमाव से बर्बाद हुई फसल, भरपाई की सता रही चिता
बाढ़ व जलजमाव से बर्बाद हुई फसल, भरपाई की सता रही चिता

बगहा । बीते दिनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। बारिश से धान व गन्ने के साथ सब्जी की फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा। ऐसे में भरपाई को लेकर किसान चितित हैं। इसका कारण यह है कि खेती आजकल काफी महंगी हो चली है। साथ हीं इसमें मेहनत भी अच्छी खासी करनी पड़ती है। अब इन बर्बाद फसलों के बदले मटर, सब्जी, गोभी, टमाटर के साथ अन्य तरह के फसल लगाने का कार्य किसान करेंगे। ऐसा विचार चल रहा है। आकस्मिक फसल योजना के तहत कृषकों को विभाग के तरफ से हाइब्रिड धान व गोभी का बीज उपलब्ध कराया गया था। कुछ किसानों ने इसे अपने खेतों में लगाया भी है। कृषि विज्ञानियों की माने तो यह क्षेत्र गन्ना आधारित क्षेत्र हैं। गन्ना के साथ अन्तरवर्ती खेती से भी लाभ कमाया जा सकता है। जिसमें मूली, गाजर, प्याज, लहसून आदि को गन्ने के साथ लगाया जा सकता है। इसके लिए किसान बाजार से बीज खरीद सकते हैं। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र से इसे लिया जा सकता है। जिस खेत में पानी नहीं लगता हो साथ हीं जल निकासी की उचित व्यवस्था हो ऐसे खेतों में इन सब्जियों को लगाया जा सकता है। किसान बृजेश यादव का कहना है कि बाढ़ व बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। सरकार के तरफ से क्षतिपूर्ति के लिए गोभी व धान का बीज उपलब्ध कराया गया है। पर, इससे इतर कुछ अलग लगाने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं प्रदीप जयसवाल कहते हैं कि रबी फसलों की बुआई से पहले बर्बाद हुए इन फसलों के लिए मूली व गोभी विकल्प है। जिसे गन्ने के खेत में लगाने की तैयारी है। बयान :

सब्जी की खेती अच्छा विकल्प अभी के समय में है। वहीं गन्ने के साथ किसानों को अवश्य हीं कुछ ना कुछ लगाना चाहिए। यह तीन महीने के अंदर हीं खर्च की भरपाई कर देता है। इसके लिए बराबर लोगों को राय दिया जाता है।

डॉ. आरपी सिंह, कृषि विज्ञानी

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