सबों ने किया चांद का दीदार, रमजान का पहला रोजा आज

बेतिया। मुकद्दस रमजान का महीना चांद का दीदार होने के बाद शुरू होता है। मंगलवार की शाम मे

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 12:12 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 12:12 AM (IST)
सबों ने किया चांद का दीदार, रमजान का पहला रोजा आज
सबों ने किया चांद का दीदार, रमजान का पहला रोजा आज

बेतिया। मुकद्दस रमजान का महीना चांद का दीदार होने के बाद शुरू होता है। मंगलवार की शाम में सबों ने चांद का दीदार किया। 14 अप्रैल यानी बुधवार को इस साल रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा। इसके लिए तैयारियां अंतिम रुप में हो गई हैं। जहां मस्जिदों में रंगरोगन हो गया है और इबादत के लिए सामान मुहैया हो गए हैं । वहीं घरों में भी महिलाओं ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया हे। मंगलवार को बाजारों में लोगों ने इफ्तार और सहरी के सामानों की खरीदारी की। कोविड गाइडलाइन के पालन के साथ नमाज अदा किया जाएगा। बताया जाता है कि रमजान के महीने में ही कुरान नाजिल की गई थी। इस पाक माह में एक नेकी का सत्तर गुना सवाब मिलता है। माहे रमजान इस्लामी साल का वह पवित्र महीना है, जिसमें इंसानों की हिदायत और रहनुमाई के लिए अल्लाह पाक ने अपने मुकद्दस कलाम कालमे पाक का नजूल किया। इस महीने में एक ऐसी रात भी होती है जिसमें की गई इबादत हजार महीने की इबादत के बराबर है। इस महीने में अधिक से अधिक पुण्य का काम करना चाहिए।

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यह है रमजान की इबादतें

रमजान में रोजा अहम इबादत है। रमजान अल्लाह तआला का महीना है। अल्लाह फरमाता है कि रोजेदार को उसके रोजे का बदला मैं खुद दूंगा। इसे कुरआन का महीना भी कहा जाता है। रमजान में पांचों वक्त की नमाज के अलावा इशा की नमाज के बाद बीस रकात तरावीह में कुरआन का पूरे माह सुनना जरूरी है। रमजान में कुरआन की तिलावत भी अहम इबादत है। वहीं इफ्तार करवाने में भी बड़ा सवाब मिलता है।

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कोट

इस माह में अल्लाह की बरकतो की बारिश होती है ।एक नेकी का सवाब 70 गुना बढ़कर मिलता है। पिछले वर्ष की तरह ही संक्रमण के कारण इस बार भी मस्जिदों को आम नमाजी नहीं जाए तो वही बेहतर है ।घर पर ही नमाज अदा करनी है, जिससे हम संक्रमण से बचे रहें। भीड भाड से बचना है ।शारीरिक दूरी बनाए रखना है।

-- मौलाना अफरोज मंसूरी

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