विदेशी पर्यटकों के नहीं आने से चितवन राष्ट्रीय निकुंज का व्यवसाय प्रभावित

बगहा । नेपाल में लॉकडाउन की वजह से जंगल सफारी के लिए चितवन राष्ट्रीय निकुंज में आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई। जिससे व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:45 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:45 PM (IST)
विदेशी पर्यटकों के नहीं आने से चितवन राष्ट्रीय निकुंज का व्यवसाय प्रभावित
विदेशी पर्यटकों के नहीं आने से चितवन राष्ट्रीय निकुंज का व्यवसाय प्रभावित

बगहा । नेपाल में लॉकडाउन की वजह से जंगल सफारी के लिए चितवन राष्ट्रीय निकुंज में आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई। जिससे व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है।

चितवन राष्ट्रीय निकुंज में गैंडा,बाघ,घड़ियाल, हिरण, भालू तथा सैकड़ों प्रकार के पक्षियों को देखकर लुफ्त उठाने के लिए प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में विदेशी सैलानी आते हैं। लेकिन पिछले वर्ष से ही कोरोना के संक्रमण बढ़ने से विदेशी पर्यटकों का आगमन नेपाल में कम हो गया है।

चितवन राष्ट्रीय निकुंज कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस आर्थिक वर्ष में चितवन राष्ट्रीय निकुंज में जंगल सफारी के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या 92209 दर्ज की गई है। वहीं पिछले आर्थिक वर्ष में जंगल सफारी के लिए निकुंज में आने वाले पर्यटकों की संख्या एक लाख 82 हजार 435 थी। बता दें कि भारी बारिश की वजह से 15 जून से जंगल सफारी पर रोक लगा दिया गया है।

राष्ट्रीय निकुंज कार्यालय द्वारा बताया गया कि जंगल सफारी के लिए आने वाले देसी पर्यटकों की संख्या जहां सामान्य थी। वहीं विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी कमी हुई है। पिछले वर्ष चितवन राष्ट्रीय निकुंज में जंगल सफारी के लिए 92 हजार 994 विदेशी पर्यटक आए थे। वहीं इस वर्ष में जंगल सफारी के लिए आनेवाले पर्यटकों की संख्या सिर्फ 2608 ही दर्ज की गई है।

चितवन राष्ट्रीय निकुंज के प्रमुख संरक्षण अधिकृत अर्णनाथ बराल ने बताया कि कोरोना की वजह से विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट हुई है। पिछले साल कोरोना का संक्रमण नेपाल में ज्यादा तेजी से नहीं फैला। लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण का बहुत ही ज्यादा फैलने की वजह से पर्यटक नहीं आ रहे हैं। पिछले वर्ष जहां विदेशी पर्यटकों के जंगल सफारी के टिकट की बिक्री से निकुंज को 18 करोड़ 73 लाख 85 हजार 64 रुपये की आमदनी हुई थी। वहीं इस वर्ष विदेशी पर्यटकों से सिर्फ दो करोड़ 55 लाख 37 हजार 828 रुपये ही टिकट बिक्री से संकलन हो पाया है।

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हाथी व जिप्सी से होती है सफारी

राष्ट्रीय निकुंज में जंगल सफारी के लिए हाथी सफारी व जिप्सी सफारी के दो विकल्प मौजूद हैं। जिसमे विदेशी पर्यटकों को हाथी सफारी सबसे पहला पसंद रहता है। हाथी सफारी से निकुंज के अंदर विदेशी सैलानी गेंडा,बाघ,घड़ियाल,हिरण,भालू, तथा सैकड़ों प्रकार के पक्षियों को नजदीक से देखने का लुफ्त उठाते हैं। चितवन राष्ट्रीय निकुंज द्वारा जंगल सफारी से होनेवाली अपनी आय के 50 प्रतिशत रकम को मध्यवर्ती वन क्षेत्रों पर खर्च कर दिया जाता है। लेकिन इस वर्ष आमदनी घटने से इन मध्यवर्ती वन क्षेत्रों पर भी काफी असर पड़ेगा।

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