गर्मी व उमस के बीच तल्ख धूप से स्कूली बच्चे बेहाल

शरीर को झुलसाने वाली धूप व गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। चिपचिपा पसीना शरीर से सूखने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस भीषण गर्मी का प्रतिकूल असर मनुष्य पशु-पक्षी के साथ ही गन्ना सब्जी की फसल व धान की रोपाई पर भी पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 May 2019 11:12 PM (IST) Updated:Sat, 25 May 2019 11:12 PM (IST)
गर्मी व उमस के बीच तल्ख धूप से स्कूली बच्चे बेहाल
गर्मी व उमस के बीच तल्ख धूप से स्कूली बच्चे बेहाल

बगहा । शरीर को झुलसाने वाली धूप व गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। चिपचिपा पसीना शरीर से सूखने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस भीषण गर्मी का प्रतिकूल असर मनुष्य, पशु-पक्षी के साथ ही गन्ना, सब्जी की फसल व धान की रोपाई पर भी पड़ रहा है। शुक्रवार की सुबह से ही एक बार फिर से तेज धूप और गर्मी ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। जिसके कारण दिन में लोग घरों से निकलने से बच रहे है। बच्चों को तो घर से निकलने ही नहीं दिया जा रहा है।

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पीएचसी में उमड़ रही मरीजों की भीड़

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इस मौसम में लू, हीट स्ट्रोक, पेट संबंधित कई बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं। अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसमें छोटे-छोटे बच्चों की संख्या अधिक है। बढ़ी गर्मी में सबसे अधिक है विभिन्न कंपनियों के शीतलपेय की बिक्री बढ़ गई है। गर्मी से राहत के लिए नगर व प्रखंड में हजारों की संख्या में कोका कोला, पेप्सी, स्प्राइट, माजा आदि शीतल पेय बिक रहे हैं। चिकित्सक डॉ. डीएस आर्या का कहना है कि संभवत: इन शीतल पेय से बचना चाहिए। क्षणिक लाभ तो इससे दिखता है, पर इसका अधिक सेवन काफी हानिकारक हो सकता है।

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झुलस रही गन्ने और सब्जी की फसल

भीषण गर्मी के कारण धान का बिचड़ा गिराने में किसानों को दिक्कत आ रही है। वहीं गन्ने की फसल में भी कई तरह की बीमारी नमी के अभाव में लग गई है। किसान ब्रज किशोर प्रसाद कहते हैं कि रात में हुई बारिश से फसलों को थोड़ी राहत मिली है। किंतु, अभी और पानी की आवश्यकता है। किसान मंजूर आलम कहते हैं कि पानी के अभाव में गन्ने की फसल लगभग सूख गई है। वहीं धान की फसल पर भी ग्रहण लगा है। किसान विध्याचल यादव का कहना है कि बारिश ठीक ठाक हुई है। लेकिन, एक सप्ताह के बाद से ही खेतों की नमी गायब हो जाएगी। एक अन्य किसान धर्मेद्र सिंह का कहना है कि अगर गर्मी में कमी नहीं आती है तो फसलों को बचाना मुश्किल होगा।

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बिजली की आंखमिचौनी से परेशानी

जर्जर तार के कारण नगर व प्रखंड की विद्युत व्यवस्था बराबर बाधित होती है। सबसे बड़ी समस्या लो वोल्टेज को लेकर है। जिससे खेत में और घरों में पानी के लिए लगे मोटर हांफ जाते हैं। सारे पंखे, बल्ब बंद करने के बाद कहीं मोटर चलना शुरू होता है। इधर लो वोल्टेज के कारण पंखा ऐसे चलता है, जैसे वह डोल रहा हो। जिससे राहत नहीं मिल पाती है। जिससे उपभोक्ताओं को उमस में दिन व रात काटना और मुश्किल हो जाता है।

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बयान : दोपहर में घर से बाहर निकलने से परहेज करें। धूप में पूरे शरीर को ढंककर, छाता लेकर ही निकले, बासी खाना खाने से परहेज करें। ज्यादा पानी के साथ ही मौसमी फलों का सेवन करें।

डॉ. सुशांत पांडेय, चिकित्सक

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बयान : विद्युत विभाग की तरफ से तार व पोल के बदलने का कार्य चल रहा है। जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में लो वोल्टेज की समस्या है। कार्य पूरा होते ही यह समस्या दूर हो जाएगी।

राजीव रंजन, सहायक विद्युत अभियंता

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