थारू बहुल इलाके में केले से समृद्धि

बगहा । पश्चिम चंपारण के थारू बहुल बगहा के रामनगर इलाके में हाजीपुर की तर्ज पर चंपा प्रजाति के केले की खेती हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:05 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:05 PM (IST)
थारू बहुल इलाके में केले से समृद्धि
थारू बहुल इलाके में केले से समृद्धि

बगहा । पश्चिम चंपारण के थारू बहुल बगहा के रामनगर इलाके में हाजीपुर की तर्ज पर चंपा प्रजाति के केले की खेती हो रही है। पिछले दो साल में इसमें काफी तेजी आई है। यहां का केला जिले के अलावा नेपाल के सीमावर्ती इलाके से लेकर उत्तर प्रदेश तक में भेजा रहा है।

रामनगर प्रखंड के खैरवा टोला गांव के एक दर्जन किसान केले की खेती से जुड़े हैं। बीते चार पहले एक छोटे से हिस्से में शुरू हुई खेती 25 एकड़ में फैल चुकी है। किसान प्रति एकड़ केले की खेती से साल में एक से डेढ़ लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं। कृषि विभाग भी किसानों को केले की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा। केले की खेती करने वाले किसान अवधेश राय, गुडडू मियां व संतोष साह ने बताया कि एक बीघा में करीब दो लाख रुपये की लागत आती है। यदि फसल अच्छी हुई तो फिर एक साल में करीब 10 लाख रुपये का फल बिकता है। पूंजी छांटकर आठ लाख रुपये का मुनाफा होता है। केले की खेती के लिए कृषि विभाग बागवानी मिशन के तहत किसानों को अनुदान उपलब्ध करा रहा। लेकिन, लंबी प्रक्रिया से गुजरने के कारण अधिकांश किसान अनुदान के फेरे में नहीं पड़ते। नेपाल से लेकर उत्तर प्रदेश तक होती मांग :-

किसान भरत साह व रसूल मियां ने बताया कि त्योहार के दिनों में स्थानीय बाजार में केला की मांग अधिक होती है। बाकी समय मे नेपाल के सीमावर्ती इलाके और बिहार से सटे उत्तरप्रदेश के जिले में आपूर्ति की जाती है। केले की बिक्री तौल कर होती है। मांग के अनुसार निजी वाहनों से केले की आपूर्ति की जाती है। कई बार खरीदार खेत तक पहुंचकर केले की खरीद कर लेते हैं। एक रोपाई के बाद साल भर तक केला फलता है। उसके बाद फिर से नई फसल की नई सिरे से बोवाई करनी पड़ जाती है। बयान :-

खैरवा टोला के किसानों को केले की खेती के लिए अनुदान नहीं लिया है। पौधे के लागत मूल्य पर 50 फीसद का अनुदान मिलता है। किसान आवेदन करें तो लाभ दिया जाएगा।

हेमचंद्र आर्या, बीएचओ, रामनगर

chat bot
आपका साथी