बरसात में चर्म रोग से करें बचाव, फंगल इंफेक्शन का बढ़ रहा खतरा
बगहा । बरसात के मौसम में थोड़ी सी असावधानी से चर्म रोग का खतरा बढ़ सकता है।
बगहा । बरसात के मौसम में थोड़ी सी असावधानी से चर्म रोग का खतरा बढ़ सकता है। ऐसा चिकित्सकों का मानना है। बारिश का मौसम वह मौसम है। जिसमें कभी गर्मी तो कभी सर्दी का एहसास होता है। जलजमाव से इस मौसम का प्रतिकूल असर मानव शरीर पर पड़ता है। ऐसे में बारिश में भींगने व जलजमाव वाले क्षेत्रों में आने जाने से त्वचा संबंधित बीमारियों में बढ़ोतरी होती है। इसके वजह से घाव, फुंसी, लाल दाने, चेचक, फफोले आदि हो जाते हैं। कभी कभी इसके कारण बुखार भी हो जाता है। पैरों के अंगुलियों के जोड़ों में सड़न सरीखे कई ऐसे इंफेक्शनल बीमारी इस मौसम में आम है। यह सब मौसम की नमी और फंगस के कारण होता है। जिसमें जलन व लहर भी हो सकता है। हालांकि यह भी बात सही है कि ये बीमारियां ज्यादा समय के लिए नहीं रहती हैं। पर, यह संक्रमण रोग है जिससे एक व्यक्ति से दूसरे में फैलने का खतरा भी रहता है। इनका समय रहते इलाज कराना भी जरूरी होता है। इस मौसम में अधिकतर मरीज पीएचसी में इसका इलाज कराने आते हैं।
इस मौसम में यह रखें सावधानी
चिकित्सकों की माने तों इस मौसम में इन बीमारियों से बचाव के लिए कुछ सावधानी बरतनी होती है। जिससे इनसे आसानी से बचा जा सकता है।
1- भींगने के बाद तुरंत गीले कपड़े उतारकर साफ तौलिए से शरीर को रगड़ कर साफ करना चाहिए।
2-जलजमाव वाले क्षेत्रों से होकर आने के बाद साफ पानी से हाथ पैर को धोना चाहिए।
3- ज्यादा देर तक गीला नहीं रहें।
4- साफ-सफाई पर ध्यान रखें।
5- सिथेटिक कपड़े नहीं पहने। बयान :
फंगल रोग ज्यादा दिनों के लिए नहीं होता है। पर, इस दौरान सावधानी व साफ सफाई रखना जरूरी होता है। तकलीफ अधिक होने पर मरीज को पीएचसी में लेकर आएं। इसके लिए क्रीम, पाउडर के साथ दवाएं भी दी जाती है।
डा. चंद्र भूषण, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी