त्योहारों पर मिठाई की खपत बढ़ने से मिलावटखोर हो जाते सक्रिय

बगहा। दीपावली खुशियों का त्योहार है। ऐसे में मिठाई और विशेष व्यंजन लाजिमी है। लेकिन जरा सावधान हो जाइए.! बाजार में मिलावटी मिठाइयों की भरमार है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Nov 2021 11:47 PM (IST) Updated:Wed, 03 Nov 2021 11:47 PM (IST)
त्योहारों पर मिठाई की खपत बढ़ने से मिलावटखोर हो जाते सक्रिय
त्योहारों पर मिठाई की खपत बढ़ने से मिलावटखोर हो जाते सक्रिय

बगहा। दीपावली खुशियों का त्योहार है। ऐसे में मिठाई और विशेष व्यंजन लाजिमी है। लेकिन जरा सावधान हो जाइए.! बाजार में मिलावटी मिठाइयों की भरमार है। थोड़ी सी लापरवाही हुई नहीं कि नकली खाद्य पदार्थ हमारे पाचन तंत्र को बिगाड़ कर रख देगा। अगर आप बाजार से मिठाई व खाद्य सामग्री खरीद रहे हैं तो सावधान रहिए। हो सकता है, जो मिठाई आप खरीद रहे हैं उसमें मिलावट हो। त्योहारों के मौसम पर मिठाई की मांग बढ़ जाती है। इसको पूरा करने के लिए मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं। ये मुनाफे के लिए लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते हैं। मिठाई बनाने के लिए दूध, मावे और घी की आवश्यकता होती है। खपत बढ़ाने के लिए मिलावट खोर सोडा, डिटरजेंट, कॉस्मेटिक सोडा, यूरिया और चरबी का उपयोग कर मिठाई बनाते हैं।

---------------------- ऐसे करें मिलावटी मेवे व पनीर की पहचान :

विशेषज्ञ बताते हैं कि आप खुद भी मिलावट की पहचान कर सकते हैं। पनीर को पानी में उबाल कर ठंडा कर लें। इस पर कुछ बूंदें आयोडीन टिचर डालें। यदि रंग नीला हो जाए तो समझ लें कि यह मिलावटी है। मिलावटी मेवे की पहचान के लिए मेवे पर आयोडीन डालें। यदि यह काला पड़ जाए तो समझ लें कि यह मिलावटी है। खाद्य तेल में आर्मीजन की मिलावट हो सकती है। इसे परखने के लिए थोड़ा सा तेल गर्म करें और ठंडा करें। ठंडा होने पर तेल जम जाए और लाल या भूरा दिखे तो समझ जाएं कि ये मिलावटी तेल है।

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नहीं होती जांच

थरुहट क्षेत्र में मिलावटी मिठाई की जांच के लिए फूड सेफ्टी विभाग द्वारा किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की जा रही है। बता दें कि दीपावली में दूध, घी, मैदा, डालडा, खोवा, मेवा समेत अन्य सामग्री में मिलावट की जाती है। खरीदारी के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे में विश्वसनीय दुकानदार से ही खाद्य सामग्री खरीदें।

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बोली जनता :

मिलावटी सामान बेचने वाले प्रतिष्ठानों पर लगे सरकारी ताला :

मिलावट के लिए जितना दोषी दुकानदार है, उतना ही प्रशासन भी है। क्योंकि अक्सर मिलावटखोर तो पकड़े जाते हैं, लेकिन उन्हें ले-देकर छोड़ दिया जाता है। जिससे मिलावट का व्यापार हर त्योहार में फल फूल रहा है।

राजेश कुमार, हरनाटांड़ -------------------------- मिलावट रोकने के लिए आम जनता को भी जागरूक होना होगा। लोग सस्ते के चक्कर में मिलावटी सामग्री खरीद बैठते हैं। जिसका बुरा असर घरवालों की सेहत पर पड़ता है। आम इंसान को भी सोच बदलनी चाहिए।

राजन गुप्ता, बैरिया खुर्द --------------------- त्योहार के पहले प्रशासन को छापेमारी कर ऐसे माल को जब करना चाहिए जो मिलावटी है। ताकि आम जनता की सेहत को बचाया जा सके। मिलावटी सामान बेचने वाले प्रतिष्ठानों पर सरकारी ताला डाला जाना चाहिए। गोलू चौरसिया, बगहा -------------------- मिलावटी सामग्री की बिक्री रोकना प्रशासन का काम है। उसे अपने इस काम को पूरा करने के लिए पूरी क्षमता से काम करना चाहिए। प्रशासन के द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने के चलते आम आदमी की सेहत प्रभावित हो रही है। सुशील मिश्रा, हरनाटांड़

-------------------------- कहते हैं चिकित्सक... खाने-पीने की वस्तुएं बेहद सावधानी से खरीदें। मिलावटी खाद्य पदार्थ शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। त्योहारों के मौके पर खोआ एवं रंग-बिरंगी मिठाइयों के सेवन से दूर रहना चाहिए। सिथेटिक खोया, केमिकल रंग से बने मिठाइयों के सेवन से आंत्रशोध, अल्सर व त्वचा रोग बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। मिलावटी खाद्य सामग्री किडनी और लीवर को भी काफी नुकसान पहुंचाता है। मिलावट युक्त खाद्य पदार्थ का उपयोग करने से शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा शरीर में विकार उत्पन्न होने की आशंका बढ़ जाती है। डॉ. कृष्ण मोहन राय, चिकित्सक

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