यातायात नियमों के उल्लंघन की खुली छूट से हो रही दुर्घटनाएं

बगहा। रामनगर में बढ़ते आबादी के दबाव के कारण सड़कों पर वाहनों की भीड़ बढ़ी है। सड़क सुरक्षा व्यवस्था के

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 01:05 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 01:05 AM (IST)
यातायात नियमों के उल्लंघन की खुली छूट से हो रही दुर्घटनाएं
यातायात नियमों के उल्लंघन की खुली छूट से हो रही दुर्घटनाएं

बगहा। रामनगर में बढ़ते आबादी के दबाव के कारण सड़कों पर वाहनों की भीड़ बढ़ी है। सड़क सुरक्षा व्यवस्था के ठोस उपाय नहीं रहने के कारण आजकल सड़कों पर डर लगता है। सुबह घर से निकला बंदा रात को सही सलामत घर वापस आ पाएगा। कोई नहीं जानता है। इसका मुख्य कारण ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना है। जिस प्रकार बड़े शहरों में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर आर्थिक दंड एवं सजा का प्रावधान है। वैसे यहां कहीं नहीं दिखाई देता है। यातायात के बिगड़ते इन नियमों का खामियाजा आए दिन लोगों को भुगतना पड़ता है। जिसमें कई लोग चोटिल होते है। कुछ लोगों को हाथ पैर से हाथ गवांना पड़ता है। तो किसी का घर ही उजड़ जाता है। अपकी यात्रा मंगलमय हो यह स्लोगन जगह जगह लगाया जाता है। पर कौन कितने नियमों का पालन कर रहा है। कहा नहीं जा सकता है?

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ट्रैफिक के नियमों का नहीं होता पालन

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ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वालों में सबसे अधिक दो पहिया वाहन चालक है। जिनके पास हेलमेट दिखाई नहीं देता। कुछ लोगों के पास होता भी है तो उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं होती है। साथ ही पैरों में जूता नहीं होता। जिसका खामियाजा अंतत: दुर्घटना के समय उन्हे ही भुगतनी पड़ती है। इसके अलावा चार पहिया वाहन चालक भी सीट बेल्ट आदि का प्रयोग नहीं करते। जरूरत से ज्यादा लोगों को बैठना। जिसका परिणाम केवल दुर्घटना ही होता है।

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नाबालिग चलाते है वाहन

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अममून हमेशा ही ऐसा देखने को मिल जाता है कि अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों को दो पहिया वाहन दे देते है। ट्रैफिक पुलिस नहीं होने के कारण उनका ड्राइ¨वग लाइसेंस चेक करने वाला कोई नहीं होता। मजे कि बात यह है कि ये नाबालिग एक साथ तीन तो क्या चार दोस्तों को अपने बाइक पर बिठाकर घूमते है। बता दें कि सड़क हादसे सबसे अधिक बाइकों के होते है। जिनमें सबसे अधिक मरने वालों की संख्या बिना ड्राइ¨वग लाइसेंस के बाइक चालकों एवं नाबालिगों की होती है।

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तेज रफ्तार भी है दुर्घटना की मुख्य वजह

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सड़क हादसों का मुख्य कारण नशा करके वाहन चलाना है। साथ ही आजकल रफ्तार का कहर भी कई परिवारों की ¨जदगी निगल रही है। जिसके खबरों से प्रतिदिन अखबार का पेज भरा होता है। इसपर रोक लगाना जरूरी है। तभी ऐसे हादसों से बचा जा सकता है।

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बयान : पुलिस की ओर से बराबर वाहन जांच अभियान चलाया जाता है। कुछ लोगों जुर्माना की वसूली भी होती है।लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है।

राजीव कुमार, पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष

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इनकी भी सुनिए

बयान : सड़क हादसे में कई परिवार उजड़ रहें है। बीते दो साल पहले सबेया गांव के बाप बेटे की मौत सड़क दुर्घटना में एक साथ हो गई थी। जिसमे सास के साथ पतोहू के मांग भी उजड़ गए थे। सड़कों पर निकलने में भी डर लगता है। ट्रैफिक का व्यवस्था ठीक नहीं रहने से डर में इजाफा होता है। इसकी जिम्मेदारी हमारी भी है। हमें भी सड़क एवं यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए।

प्रोफेसर उमेश मिश्रा तुरहा टोली के दो भाईयों की मौत एक साथ पिछले साल सड़क हादसे में हो गई थी। यहां किसी तरह का ट्रैफिक का नियम ही नहीं है। मैं बराबर बाहर परीक्षा देने के लिए आता जाता रहता हूं। पर सड़क सुरक्षा के नियमों के कारण वहां दुर्घटना का प्रतिशत काफी कम है। यहां तो लोग हेलमेट पहनना भी शान में गुस्ताखी समझते है।

श्याम कुमार, छात्र

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