सागर पोखर के तट पर दिखेगा लोक आस्था का अद्भुत नजारा

नगर के ऐतिहासिक शिव मंदिर से जुड़े सागर पोखर के तट पर प्रत्येक वर्ष लोक आस्था के पर्व छठ का अद्भुत नजारा दिखता है। लगभग 50 हजार महिला-पुरुष श्रद्धालु घाट पर पहुंचते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 01:37 AM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 01:37 AM (IST)
सागर पोखर के तट पर दिखेगा लोक आस्था का अद्भुत नजारा
सागर पोखर के तट पर दिखेगा लोक आस्था का अद्भुत नजारा

बेतिया । नगर के ऐतिहासिक शिव मंदिर से जुड़े सागर पोखर के तट पर प्रत्येक वर्ष लोक आस्था के पर्व छठ का अद्भुत नजारा दिखता है। लगभग 50 हजार महिला-पुरुष श्रद्धालु घाट पर पहुंचते हैं। संध्या और प्रात: कालीन अ‌र्घ्य के लिए पश्चिमी तट को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यूं तो सभी तटों की विशेष साफ-सफाई की जाती है, लेकिन पश्चिमी तट को खूब सजाया व संवारा जाता है। प्रशासन तथा श्रद्धालुओं द्वारा इन तटों की विशेष सफाई की जाती है। कोई दुर्घटना ना हो इसके लिए तालाब में तीन फीट की दूरी पर बांस से बैरिकेडिग की जाती है। सीढ़ीनुमा तट पर लंबी खूबसूरत पंडाल बनाई जाती है। मुख्य द्वार पर श्रद्धालुओं के द्वारा भव्य मंडप तैयार किया जाता है। कविवर नेपाली पथ के निकट भी एक विशाल पंडाल बनता है। सागर पोखर से लेकर मीना बाजार तक तथा एमजेके कॉलेज की ओर सड़क के दोनों किनारे प्रकाश की व्यवस्था की जाती है। यहां न्यू कॉलोनी, लाल बाजार, तीन लाल टेन, बसवरिया, शांतिनगर के छठ व्रती पहुंचते है।

पोखर में कभी बहता था सात सागरों का पानी

नगर का ऐतिहासिक सागर पोखर स्थित शिव मंदिर बेतिया राज घराने द्वारा निर्मित है। बेतिया राज महल से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित चंपारण का गौरव सागर पोखर में कभी सात सागरों का निर्मल पानी बहता था। बेतिया महाराज ने पोखर खोदवाने के बाद सात सागरों का पानी मंगवाया था और इस पवित्र पोखरे में डाला था। लगभग एक एकड़ में फैले इस पोखर की सुंदरता देखते ही बनती है।

फोटो 18बीईटी 24 सागर पोखरा तट पर छठ व्रत करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां संध्या कालीन व प्रात: कालीन अ‌र्घ्य देना महत्वपूर्ण है। वर्षों से वह सागर पोखर तट पर पहुंचती हूं और छठी मईया की आराधना करती हूं। माता की महिमा से जुड़े गीत गाती हूं।

डॉ. अर्चना बाला

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छठ पर्व के अवसर पर श्रमदान करना मेरी प्राथमिकता है। छठ पर्व के दो दिन पूर्व से ही वे सागर पोखर तट पर पहुंचते हैं और साफ-सफाई करते हैं। स्थानीय लोगों के साथ तटों की साफ-सफाई करते हैं। छठ मईया की असीम कृपा बनी रहती है।

रंजीत तिवारी

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आस्था का लोकपर्व छठ उनके लिए और परिवार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। पूर्व के अवसर पर परिवार के साथ छठ घाट पर पहुंचते हैं और श्रद्धा भक्ति के साथ पूजा करते हैं। यहां मेले जैसे नजारा रहता है। बच्चे मेले का आनंद भी उठाते हैं।

आनंद प्रकाश चौबे

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