प्रखंड स्थानांतरण की घोषणा पर थारूओं में उत्साह की लहर

हरनाटांड़, सिधांव के नाम पर स्थापित प्रखंड कार्यालय बगहा दो में लंबे समय से चल रहा है। जिसके कारण यहां के लोगों को छोटे छोटे काम के लिए भी शहर का रुख करना पड़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 09:04 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 09:04 PM (IST)
प्रखंड स्थानांतरण की घोषणा पर थारूओं में उत्साह की लहर
प्रखंड स्थानांतरण की घोषणा पर थारूओं में उत्साह की लहर

बगहा। हरनाटांड़, सिधांव के नाम पर स्थापित प्रखंड कार्यालय बगहा दो में लंबे समय से चल रहा है। जिसके कारण यहां के लोगों को छोटे छोटे काम के लिए भी शहर का रुख करना पड़ता है। भारतीय थारू कल्याण महासंघ के द्वारा लंबे समय से सिधांव के नाम पर स्थापित प्रखंड जो बगहा में चल रहा है उसे सिधांव में स्थानांतरित करने की मांग की जा रही है। बीते कुछ माह पूर्व भी भारतीय थारू कल्याण महासंघ के चंपारण तपा के अधिवेशन के दौरान थारुओं ने सूबे के मुख्यमंत्री के समक्ष कई मांगों को रखा था। जिसमें प्रखंड स्थानांतरण का मुद्दा काफी ज्वलंत मुद्दा रहा। हालांकि यहां के लोगों के द्वारा लंबे समय से यह मांग की जा रही है, लेकिन कोई फायदा नहीं हो पाया था। इस बार थारूओं ने एक बार फिर से रविवार को सीएम के वाल्मीकिनगर यात्रा के दौरान इस मुद्दे को रखी। जिस पर इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों को भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने को कहा। सीएम ने कहा कि जल संसाधन विभाग की 8 एकड़ जमीन प्रखंड कार्यालय के निर्माण के लिए प्रस्तावित की गई है। थरुहट के लोगों की यह मांग थी कि प्रखंड को यहां स्थानांतरित किया जाए। जिस पर सीएम ने वायदा भी किया था। उस वादे को निभाते हुए उन्होंने प्रखंड निर्माण में आ रही बाधा को दूर करते हुए जल संसाधन विभाग की आठ एकड़ जमीन को प्रखंड निर्माण की सहायता में अधिग्रहण करने की बात कही है। अब प्रशासनिक महकमा जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करने में लगा हुआ है। अब प्रखंड स्थानांतरित होने से लोगों में हर्ष व्याप्त है। उल्लेखनीय है कि बगहा दो प्रखंड अंतर्गत 25 पंचायत आते हैं और तकरीबन सभी पंचायतों में थारू, आदिवासी व अति पिछड़ा वर्ग के लोग निवास करते हैं। शहर से यह पंचायतें काफी दूर हैं। प्रखंड व अंचल कार्यालय शहर से दूर होने के कारण गांव के लोगों को छोटे-छोटे कामों के लिए भी काफी लंबी दूरी तय कर शहर स्थित कार्यालय का रुख करना पड़ता था। अब सिधांव में प्रखंड व अंचल कार्यालय हो जाने से लोगों की समस्याओं से निजात मिलेगी और छोटे बड़े कामों के लिए 20 से 40 किमी की दूरी तक बगहा नहीं जाना पड़ेगा। थारुओं ने कहा धन्यवाद सीएम साहब.. भारतीय थारू कल्याण महासंघ के अध्यक्ष दीप नारायण प्रसाद ने कहा कि सूबे के सीएम ने अपना वादा निभाया है। उनके द्वारा प्रखंड निर्माण में आ रही बाधा को दूर करने के लिए जल संसाधन विभाग की 8 एकड़ जमीन मुहैया कराई गई है। यह निश्चित ही एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण फैसला है। इससे हम थारू आदिवासी बाहुल्य इलाके के लोगों को काफी सहूलियत प्रदान होगी। इसके लिए सूबे के सीएम नीतीश कुमार धन्यवाद के पात्र हैं। समाजसेवी ज्ञानेश्वर महतो ने कहा कि सिधांव में प्रखंड व अंचल कार्यालय का स्थानांतरित होना ही चाहिए। हम लोगों की यह मांग काफी पुरानी है।इससे हम थारू आदिवासी समाज को काफी फायदा होगा। यहां स्थित कार्यालय में अधिकारी जब बैठेंगे तो विकास की गति भी तेज होगी और हमारा पिछड़ा हुआ इलाका भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ेगा। अब बस इंतजार है कि कार्यालय यहां स्थानांतरित हो जाए। समाजसेवी व भाजपा नेता हेमराज पटवारी ने कहा कि प्रखंड व अंचल कार्यालय सिधांव स्थानांतरित होता है तो यहां पर बीडीओ, सीओ व कृषि पदाधिकारी से लेकर शिक्षा पदाधिकारी तक के सभी अधिकारी यहीं बैठेंगे और हमारी सभी प्रकार की समस्याओं का निदान करेंगे। सीएम साहब ने हमारी मांग को गंभीरता से लिया वाल्मीकिनगर दौरे के दौरान यह बात देखी गई है। हरनाटांड़ के बालेश्वर खतईत कहते हैं कि सिधांव में प्रखंड स्थानांतरित होगा तो सुदूर क्षेत्र के ग्रामीणों को अपने छोटे छोटे काम के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा। सभी अधिकारी नजदीक में ही मिल जाएंगे और सभी समस्याओं से निजात मिलेगी। फिलहाल पंचायतों में राजस्व कर्मचारी भी नहीं बैठता। अगर सिधांव में प्रखंड स्थानांतरित होगा तो सभी कर्मी यहीं मिल जाएंगे। खासकर चिउटाहां व वाल्मीकिनगर जैसे इलाके के लोगों को सहुलियत होगी।

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