लोगों को अपनी ओर लुभा रहा है विश्व विख्यात हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला
संवाद सहयोगी सोनपुर अपने आधे-अधूरे स्वरूप में भी विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला अप
संवाद सहयोगी, सोनपुर :
अपने आधे-अधूरे स्वरूप में भी विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला अपनी ओर लोगों को काफी लुभा रहा है। रविवार को मेले में उमड़ी भारी भीड़ से सरकारी मेला सा नजारा उभरा। मेला एरिया के नखास से लेकर ड्रोलिया चौक तथा चिड़िया बाजार से होते लकड़ी बाजार और लोहा बाजार तक खचाखच भरा हुआ था। कहते हैं कि रंग और एक रफ्तार से चलते जीवन में मेला एक उत्सव है। जब जाइए तब कुछ नया। यह केवल भीड़ अथवा रंग-बिरंगी आकर्षक दुकानों का दृश्य भर नहीं होता बल्कि नजरिए में नयापन और बदलाव का संकेत भी होता है।
अति प्राचीन सोनपुर मेला ने अपने जीवनकाल में ना जाने कितने बदलाव देखे हैं। कभी यहां राजे-रजवाड़े और बड़े-बड़े जमींदारों के शिविर लगा करते थे। रानी महारानी से लेकर अंग्रेजों की मेम साहब इस मेले में आए दुर्लभ वस्तुओं की खरीदारी किया करते थे। यहां के मीना बाजार में सोने चांदी की दुकानों से लेकर अनेकों सजावटी और महलों में रखे जाने वाले एक से बढ़कर एक वस्तुओं की दुकानें थी। इतिहास साक्षी है यहां ईरान एवं अफगानिस्तान सहित कई देशों के व्यापारी भी अपनी दुर्लभ वस्तुओं के साथ आते और दुकानें लगाते थे। वे यहां से अपने काम की वस्तुओं को भी खरीदारी किया करते थे। इसमें मेले में यह भी देखा है जंगी हाथियों और घोड़ों की खरीदारी भी सम्राट अकबर से लेकर वीर कुंवर सिंह जैसे लोगों ने की है।
समय के साथ सब कुछ बदलता चला गया और मेले का स्वरूप भी बदल गया। अब यह मेला ट्रेड फेयर तथा आटोमोबाइल मेले के रूप धारण करने लगा। सब कुछ बदलते जाने के बाद भी लोगों का मन आज नहीं बदला सरकार अनुमति दें अथवा नहीं दे दर्शकों को इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। इस बार कोविड-19 संक्रमण से बचाव को लेकर बिहार सरकार ने हरिहर क्षेत्र मेला लगाया जाने की अनुमति नहीं दी। बावजूद इसके अपने आधे-अधूरे स्वरूप में मेला लग चुका है। जम कर लोग खरीदारी भी कर रहे हैं और दुकानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।