ग्रामीण क्षेत्रों में पोखर-तालाबों के साथ घरों पर व्रतियों ने किया संध्याकालीन अ‌र्घ्यदान

चैती छठ के अवसर पर अधिकतर लोगों ने अपने घर पर ही अ‌र्घ्य दिया। वही नदी किनारे के गांव के आसपास के लोगो ने नदी किनारे जाकर डूबते हुए भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। प्रतिवर्ष चैती छठ के अवसर पर भी नदी के अलावे पोखर एवं अन्य जलकुंडों पर व्रतियों की भीड़ लगती थी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 10:48 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 10:48 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में पोखर-तालाबों के साथ घरों पर व्रतियों ने किया संध्याकालीन अ‌र्घ्यदान
ग्रामीण क्षेत्रों में पोखर-तालाबों के साथ घरों पर व्रतियों ने किया संध्याकालीन अ‌र्घ्यदान

संवाद सूत्र, लालगंज : चैती छठ के अवसर पर अधिकतर लोगों ने अपने घर पर ही अ‌र्घ्य दिया। वही नदी किनारे के गांव के आसपास के लोगो ने नदी किनारे जाकर डूबते हुए भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। प्रतिवर्ष चैती छठ के अवसर पर भी नदी के अलावे पोखर एवं अन्य जलकुंडों पर व्रतियों की भीड़ लगती थी। पर इस बार कोरोना संक्रमण के कारण अधिकतर लोगों ने अपने घर दरवाजे पर छोटे-छोटे तालाब बनाकर अ‌र्घ्य दिया। नारायणी नदी के बसंता जहानाबाद घाट, बलहा घाट, महादेव घाट आदि जगहों पर स्थानीय लोगो ने स्वयं अपने से घाट बनाकर सुरक्षात्मक व्यवस्था किया। वही स्थानीय लोग द्वारा ही स्थानीय नाविक एवं तैराक आदि की व्यवस्था कराया गया था।

अ‌र्घ्यदान को ले व्रतियों ने अपने घर पर ही बनाए छठ घाट संवाद सहयोगी, महनार : विभिन्न स्थानों पर चैती छठ अनुष्ठान के तीसरे दिन व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अ‌र्घ्य समर्पित किया। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए अधिकांश व्रतियों ने घर में ही भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य दिया। व्रती महिला-पुरुष ने स्नान-ध्यान कर पीला व लाल वस्त्र धारण कर पूरी पवित्रता के साथ हाथों में बांस की कलसूप में ऋतुफल, ठेकुआ, ईख, नारियल, केला रखकर अस्ताचलगामी सूर्य पहला अ‌र्घ्य दान किया। अ‌र्घ्यदान को ले व्रतियों ने अपने घर में ही छठ घाट बनाया था। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ जगहों पर पोखर व तालाब में जाकर व्रतियों ने भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य अर्पित किया। इस दौरान वे लोग आपस में शारीरिक दूरी बनाएं हुए थे। व्रती व उनके स्वजन अस्ताचलगामी सूर्य की पूजा अर्चना करने के बाद आंगन एवं छत पर मिट्टी के कोशी को छठी के रूप में पूजा किए। सोमवार की सुबह व्रती उदयीमान सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पित करेंगे। इसके साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास का पारण करेंगे।

कोरोना के हालात में भी महापर्व के प्रति आस्था कम नहीं संवाद सूत्र, गोरौल : सूर्योपासना का महापर्व चैती छठ का संध्याकालीन अ‌र्घ्य रविवार को व्रतियों ने दिया। कोरोना महामारी का प्रभाव इस पर्व पर भी पड़ता दिखा। लोग घर से भी नहीं निकल रहे है। हर लोग परेशान है। ऐसे हालात में भी लोगों में पर्व के प्रति आस्था कम नहीं है। व्रतियों ने बताया कि समय चाहे कितना भी विकट क्यों ना हो। साधन हो या ना हो, उससे कोई फर्क नही पड़ता है। हमलोग घर पर ही इस महान पर्व को पान-फूल के साथ मना रहे हैं। श्रद्धा, विश्वास और पूरे निष्ठा के साथ भगवान सूर्य को अ‌र्ध्य दें रहे है और इस कोरोना रूपी महामारी से रक्षा के लिए भगवान सूर्य से प्राथना करेगे की इस संकट सभी को रक्षा करें।

छोटे तालाब और घर की छतों पर भी किया गया अ‌र्घ्यदान संवाद सूत्र, राघोपुर : लोकआस्था के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन छठ व्रतियों ने रविवार की शाम अगस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। अधिकतर लोगों ने अपने घरों के अगल-बगल गड्ढे की खुदाई कर एवं छतों पर बने छोटे पोखर में पानी भरकर छठ पर्व मनाया। बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ कम दिखी। लोगों ने अपने घर के आस-पास केला के पौधे रंग बिरंगी लाइट एवं पेपर से पूजा स्थल को सजाया। फतेहपुर, राघोपुर, रामपुर, श्यामचंद, मोहनपुर, जुड़ावनपुर करारी आदि पंचायतों में कोरोना गाइडलाइन के पालन कर लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा धूमधाम से मनाया गया।

प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी लोगों से करते रहे अपील संवाद सूत्र, बिदुपुर : बिदुपुर में भी इस पर्व को लेकर लोगो में काफी उत्साह देखा गया। कोरोना महामारी के बाद भी बाजार में सभी ईख, सेब, नारंगी, नारियल, अनार, केला आदि फल की खरीदारी करते दिखे। प्रखंड के कई स्थानों एवं घरों पर वत्रियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पित किया। चैती छठ पर्व को लेकर स्थानीय प्रशासन भी काफी मुस्तैद दिखा तथा लोगों से अपील करता रहा कि पर्व के दौरान ज्यादा भीड़ इकठ्ठा ना करें।

चैती छठ महापर्व पर दिखा कोरोना महामारी का असर

संवाद सहयोगी, महुआ : महुआ प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न भागों में चैती छठ पर्व को लेकर व्रतधारियों ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। सूर्य उपासना का चार दिवसीय लोक आस्था का पर्व छठ के तीसरे दिन रविवार को लोगों ने कोरोना वायरस को लेकर अपने घरों में ही गड्ढे खोदकर पानी डालकर दरवाजे पर ही अ‌र्घ्य दिया। एक-दूसरे के संपर्क में लोग नहीं आए और सोशल डिस्टेंसिग का ध्यान रखा। इस बार भी लोक महापर्व पर कोरोना का काफी असर पड़ता दिखा।

chat bot
आपका साथी