निश्चय पोषण योजना के क्रियान्वयन में वैशाली बिहार में पहले पायदान पर
वैशाली। जिला यक्ष्मा सभागार में शुक्रवार को एसटीएस तथा एसटीएलएस एवं एलटी के लिए कार्यशाला का
वैशाली। जिला यक्ष्मा सभागार में शुक्रवार को एसटीएस तथा एसटीएलएस एवं एलटी के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ज्ञानशंकर ने की। मौके पर एसीएमओ डॉ. ज्ञानशंकर ने कहा कि कोविड के कारण यक्ष्मा विभाग का कार्य प्रभावित हुआ था, पर लॉकडाउन के खुलते ही स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा जल्द ही कवर कर लिया गया, जो सराहनीय है।
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. शिव कुमार रावत ने कहा कि यक्ष्मा विभाग के 6 मुख्य प्रयोगशाला प्रावैद्यिकी पटना में किया हुआ है। अन्य प्रयोगशाला प्रावैद्यिकी के प्रखंड स्तर पर सैंपल संग्रह में लगने के कारण प्रयोगशाला का कार्य काफी प्रभावित हुआ है। इतने कठिन समय में राज्य स्तरीय रैंकिग में वैशाली आंठवे रैंक पर है। यह अच्छी बात है कि यक्ष्मा रोगियों को दवा के अलावा उनके बैंक खाते में निश्चय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपये देने में वैशाली नंबर एक पर है।
डॉ. रावत ने सभी कर्मियों को निर्देश दिया कि रोगियों के साथ रह रहे छह साल के बच्चों को भी दवा छह माह तक दिया जाये। प्रत्येक प्रखंड में दवा उपलब्ध करा दी गयी है और सभी एसटीएस तथा एसटीएलएस को निर्देश दिया कि सभी रोगियों का एचआइवी, ब्लड शूगर और यूडीएसटी की जांच अनिवार्य रुप से कराएं। टीवी रोग की पहचान होते ही उन्हें ससमय दवा शुरु करें। सभी एसटीएस को आदेश दिया गया कि टीबी रोगियों के घर जाकर यह जानकारी प्राप्त करें कि वह नियमित दवा ले रहे हैं कि नहीं।
दवा खाने से ठीक हो सकता है टीबी
कार्यशाला के दौरान डॉ. रावत ने कहा कि पूर्ण रुप से टीबी की दवा खाने से यह पूर्णत: ठीक हो सकता है। वहीं कार्यशाला में प्राइवेट चिकित्सक के साथ डीएफवाई, अक्षया प्रोजेक्ट एवं टीबी चैंपियन अपना सहयोग देते हुए इस बीमारी का सफाया करने में अपना योगदान कर रहे हैं। प्रत्येक माह के दूसरे सोमवार को निश्चय दिवस के अवसर पर अपने -अपने ब्लॉक में टीबी के बारे में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा इस बीमारी के पहचान के बारे में जानकारी मिल सकें। मौके पर सभी एसटीएस, एसटीएलएस तथा एलटी मौजूद थे।