हरि व हर की पावन भूमि आस्था के महासमर में गोता लगाने को तैयार

जासं हाजीपुर हरि और हर की पावन भूमि हरिहरक्षेत्र आस्था के महासमर में गोते लगाने क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 11:09 PM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 11:09 PM (IST)
हरि व हर की पावन भूमि आस्था के महासमर में गोता लगाने को तैयार
हरि व हर की पावन भूमि आस्था के महासमर में गोता लगाने को तैयार

जासं, हाजीपुर :

हरि और हर की पावन भूमि हरिहरक्षेत्र आस्था के महासमर में गोते लगाने को लेकर तैयार हो चुका है। बस इंतजार है शुभ मुहूर्त का। पवित्र गंगा स्नान को लेकर आस्था का सैलाब गुरुवार की शाम से ही उमड़ पड़ेगा। मध्य रात्रि से ही पवित्र स्नान शुरू हो जाएगा। शुक्रवार की सुबह तक पूरा हरिहरक्षेत्र श्रद्धालुओं की भीड़ से पट जाएगा। हाजीपुर से लेकर सोनपुर तक का नजारा देख होगा मानो पूरे क्षेत्र ने आस्था व परंपरा की चादर ओढ़ ली हो। हाजीपुर व सोनपुर के विभिन्न घाटों पर दस लाख से ज्यादा श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा स्नान को पहुंचते हैं। मठ-मंदिरों एवं घाटों पर साधू-संतों ने अभी से ही डेरा डाल लिया है। भजन-किर्तन से पूरा हरिहरक्षेत्र भक्तिमय हो गया है। जिला प्रशासन आज सुरक्षा को लेकर मोर्चा संभाल लेगी। नदी घाटों पर मजिस्ट्रेट के साथ-साथ पुलिस बल की तैनाती की गई है। साथ ही भीड़ नियंत्रण के लिए स्काउट-गाइड एवं एनसीसी के कैडेटों को भी काफी संख्या में लगाया गया है। भक्त की पुकार पर यहां पधारे थे प्रभु

हरिहर क्षेत्र का धार्मिक आख्यान है कि यहां कोनहारा घाट के समीप गंगा-गंडक संगम में गज और ग्राह के बीच युद्ध हुआ था। काफी बलवान होने के बावजूद पानी में गज कमजोर पड़ गया, तभी गंगा नदी में उसे एक कमल का फूल दिखाई पड़ा। गज ने अपने सूंढ में कमल का फूल और गंगाजल लेकर हरि की आराधना की। भक्त की पुकार पर स्वयं हरि पधारें और ग्राह का वध कर गज की प्राणरक्षा की। प्रभु के हाथों मरकर जहां ग्राह को मोक्ष की प्राप्ति हो गयी वहीं गज को नया जीवन मिला। मोक्ष एवं नये जीवन की प्राप्ति की कामना को लेकर हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों की संख्या में लोग हरिहरक्षेत्र हाजीपुर व सोनपुर के तमाम घाटों पर स्नान करते हैं। घाटों की ओर आज से ही बढ़ने लगेगा भक्तों का रेला

वैसे तो कार्तिक पूर्णिमा स्नान शुक्रवार 19 नवंबर को है। यहां कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र स्नान को भक्तों का रेला एक दिन पहले ही घाटों की ओर बढ़ने लगता है। यानि गुरुवार को जैसे-जैसे शाम होगी, लोगों की तादाद बढ़ती जाएगी। रात तक तो हाजीपुर से सोनपुर एवं पहलेजा घाट तक दस लाख से ज्यादा की की संख्या में श्रद्धालु पवित्र स्नान को घाटों पर पहुंच जाएंगे। शुक्रवार से ही पूरे हरिहर क्षेत्र में विहंगम ²श्य दिखने लगेगा। महिलाएं, पुरुष, युवा, बच्चे सभी सामानों के साथ घाटों की ओर बढ़ने लगेंगे। गांव-देहात से आने वाले लोग तो पूरी तैयारी के साथ आते हैं। ठंड को देखते हुए कई श्रद्धालु पुआल का गट्ठर सिर पर लिए घाटों की ओर जाते देखे जाते हैं। घाटों पर भूत झाड़ने का भी चलता है खेल

आस्था से जुड़े इस पवित्र मौके पर कई ऐसे ²श्य घाटों पर दिख दिखते हैं जो आज के युग में लोगों को अचंभित कर देते हैं। घाटों पर भूत झाड़ने का खेल चलता है। शाम ढलते ही घाटों पर सार्वजनिक रूप से यह खेल शुरू हो जाता है जो अनवरत जारी रहता है। गांवों से ओझा बड़ी तादाद में यहां पहुंचते हैं और गंगा-गंडक संगम में भूत झाड़ते हैं। अधिकतर अशिक्षित महिलाएं अंधविश्वास में पड़कर ओझा-गुणी के चक्कर में देखी जाती हैं।

बाबा हरिहरनाथ एवं पातालेश्वरनाथ में श्रद्धालु करते पूजा-अर्चना हरिहरक्षेत्र के तमाम घाटों पर शुरुवार की देर रात से ही पवित्र स्नान शुरू हो जाएगा। स्नान कर पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का जत्था सोनपुर के प्रसिद्ध बाबा हरिहरनाथ मंदिर, हाजीपुर के पतालेश्वरनाथ मंदिर समेत तमाम मठ-मंदिरों की ओर बढ़ने लगता है। मंदिरों में भक्तों की अपार भीड़ को लेकर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर पहुंचने वाले श्रद्धालु पवित्र स्नान एवं पूजा-अर्चना के बाद सोनपुर मेला का भ्रमण करते हैं। हालांकि, इस बार सरकारी स्तर पर सोनपुर मेला नहीं लग रहा है। बावजूद धर्म एवं आस्था से जुड़े मेले में आध्यात्मिक मेला लग ही जाता है।

घाटों पर शुभ संस्कार को पहुंचते हैं लोग

कार्तिक पूर्णिमा पर हरिहरक्षेत्र की पावन भूमि पर बड़ी तादाद में लोग मन्नत उतारने भी पहुंचते हैं। जगह की महत्ता के अनुरूप लोग मुंडन, पूजन व अन्य शुभ संस्कार कराते हैं। इस मौके पर यहां किन्नरों की टोली ने भी डेरा जमा लिया है। शुभ संस्कार के बाद किन्नर पूरे घाट पर नाचते-गाते हैं और लोगों से बख्शीश भी मांगते हैं। दरअसल यह भी अपनी संस्कृति का एक अंग हैं।

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