गंडक के तटबंधों की सुरक्षा को जगह-जगह चौकीदार तैनात

लगातार कई दिनों से हो रही बारिश के कारण गंडक नदी के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि होने लगी है। नदी का जलस्तर अभी खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे है। कई नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए वैशाली डीएम उदिता सिंह ने अधिकारियों की टीम के साथ तिरहुत तटबंध का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 06:35 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 01:19 AM (IST)
गंडक के तटबंधों की सुरक्षा को जगह-जगह चौकीदार तैनात
गंडक के तटबंधों की सुरक्षा को जगह-जगह चौकीदार तैनात

वैशाली । लगातार कई दिनों से हो रही बारिश के कारण गंडक नदी के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि होने लगी है। नदी का जलस्तर अभी खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे है। कई नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए वैशाली डीएम उदिता सिंह ने अधिकारियों की टीम के साथ तिरहुत तटबंध का निरीक्षण किया।

इस दौरान एसपी पुष्कर आनंद, सदर एसडीओ संदीप शेखर प्रियदर्शी, गंडक परियोजना कार्यपालक अभियंता राजीव रंजन, बीडीओ राधारमण मुरारी, सीओ संतोष कुमार सिंह, करताहां थानाध्यक्ष संतोष कुमार पंकज, लालगंज थानाध्यक्ष सुनील कुमार सहित अन्य पदाधिकारी भी उनके साथ मौजूद थे। सुरक्षा तटबंधों का निरीक्षण करते हुए डीएम ने अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिए।

डीएम ने तिरहुत तटबंध की 24 घंटे निगरानी करने तथा नदी के जलस्तर पर ध्यान रखते हुए मापते रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी ढंग की कोई समस्या या स्थिति अथवा कोई जानकारी हो तो उसे तुरंत वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना देंगे। गंडक परियोजना कार्यपालक अभियंता राजीव रंजन ने बताया कि नेपाल के तराई क्षेत्र और यहां आसपास हो रही भारी बारिश के कारण गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। अभी यहां खतरे जैसी कोई बात नहीं है। गंडक नदी अभी खतरे के निशान से 90 सेमी नीचे बह रही है। तटबंधों की सुरक्षा के लिए जगह-जगह चौकीदारों की तैनाती की गई है। इसके अलावा कनीय अभियंताओं को हमेशा नदी के जलस्तर पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि जलस्तर बढ़ने से कहीं-कहीं कटाव भी हो रहे हैं, लेकिन अभी इससे चितित होने की कोई जरूरत नही है।

इस मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि एक दशक पहले गंडक नदी के उस पार तट पर कोनवा में बोल्डर पिचिग हो जाने के कारण इधर तिरहुत बांध पर खतरा बढ़ गया है। यहां भी बोल्डर पिचिग कराने के लिए ग्रामीणों ने कई बार आवेदन दिया लेकिन इस मामले में अभी तक कोई पहल नहीं की गई। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस तटबंध में भी बोल्डर पिचिग हो जाता है तो प्रति वर्ष तटबंध सुरक्षा के नाम पर होने वाले लाखों रुपये की लूट रुक सकती है। लोगों का आरोप है कि यहां प्रति वर्ष इस नाम पर लाखों रुपये के राजस्व की क्षति होती है। आसपास के ग्रामीणों ने डीएम से इस मामले में पहल करने का अनुरोध किया।

chat bot
आपका साथी