कार्तिक पूर्णिमा स्नान को हरि व हर की पावन भूमि पर आस्था का सैलाब

कोरोना के संक्रमण के बीच हरि और हर की पावन भूमि हरिहरक्षेत्र में श्रद्धालुओं कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान को श्रद्धालुओं का जुटान शुरू हो गया है। हालांकि कोरोना के संक्रमण को लेकर पूर्व के वर्षों की तुलना में इस वर्ष काफी कम संख्या में श्रद्धालु आए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 10:42 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 10:42 PM (IST)
कार्तिक पूर्णिमा स्नान को हरि व हर की पावन भूमि पर आस्था का सैलाब
कार्तिक पूर्णिमा स्नान को हरि व हर की पावन भूमि पर आस्था का सैलाब

जागरण संवाददाता, हाजीपुर :

कोरोना के संक्रमण के बीच हरि और हर की पावन भूमि हरिहरक्षेत्र में श्रद्धालुओं कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान को श्रद्धालुओं का जुटान शुरू हो गया है। हालांकि, कोरोना के संक्रमण को लेकर पूर्व के वर्षों की तुलना में इस वर्ष काफी कम संख्या में श्रद्धालु आए हैं। वैसे रविवार की सुबह से लोगों का आना शुरू हो गया। इधर, हाजीपुर एवं सोनपुर के तमाम मठ-मंदिरों एवं नदी घाटों पर साधु-संतों ने डेरा डाल लिया है। भजन-कीर्तन से पूरा हरिहरक्षेत्र भक्तिमय हो गया है। गंगा और गंडक नदी के विभिन्न घाटों पर देर रात से ही पवित्र स्नान शुरू हो गया है। लोग स्नान कर पूजा-अर्चना के लिये सोनपुर के प्रसिद्ध हरिहरनाथ मंदिर, हाजीपुर के पातालेश्वरनाथ मंदिर समेत तमाम मठ-मंदिरों की ओर बढ़ने लगे हैं। मंदिरों में भक्तों की अपार भीड़ को लेकर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। घाटों पर शुभ संस्कार हो रहे हैं। जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा को लेकर मोर्चा संभाल लिया है। कार्तिक पूर्णिमा पर पहुंचने वाले श्रद्धालु पवित्र स्नान एवं पूजा-अर्चना के बाद सोनपुर मेला का भ्रमण करते हैं। हालांकि, इस बार सोनपुर मेला नहीं लगा है। श्रद्धालु बाबा हरिहरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं। भक्त की पुकार पर यहां पधारे थे प्रभु हरिहर क्षेत्र का धार्मिक आख्यान है कि यहां कोनहारा घाट के समीप गंगा-गंडक संगम में गज और ग्राह के बीच युद्ध हुआ था। काफी बलवान होने के बावजूद पानी में गज कमजोर पड़ गया, तभी गंगा नदी में उसे एक कमल का फूल दिखाई पड़ा। गज ने अपने सूंढ़ में कमल का फूल और गंगाजल लेकर हरि की अराधना की। भक्त की पुकार पर स्वयं हरि पधारें और ग्राह का वध कर गज की प्राणरक्षा की। प्रभु के हाथों मरकर जहां ग्राह को मोक्ष की प्राप्ति हो गई वहीं गज को नया जीवन मिला। मोक्ष एवं नये जीवन की प्राप्ति की कामना को लेकर हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों की संख्या में लोग हरिहरक्षेत्र सोनपुर व हाजीपुर के तमाम घाटों पर स्नान करते हैं। घाटों पर भूत झाड़ने का भी चल रहा खेल आस्था से जुड़े इस पवित्र मौक पर कई ऐसे ²श्य घाटों पर दिख रहे हैं जो आज के युग में लोगों को अचंभित कर रहा है। घाटों पर भूत झाड़ने का खेल चल रहा है। शाम ढलते ही घाटों पर सार्वजनिक रूप से यह खेल शुरू हो गया जो अनवरत जारी है। गांवों से ओझा बड़ी तादाद में यहां पहुंचे हैं और गंगा-गंडक संगम में भूत झाड़ रहे हैं। अधिकतर अशिक्षित महिलाएं ओझा-गुणी के चक्कर में देखी जा रही हैं।

कोरोना के संक्रमण के बीच प्रशासन मुस्तैद

कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दौरान प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रद्धालुओं का भारी जुटान की संभावना को लेकर वैशाली जिला प्रशासन मुस्तैद है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर खास तौर पर इस बार प्रशासनिक इंतजाम किए गए हैं। कोरोना के संक्रमण से बचाव को लेकर प्रशासनिक स्तर पर श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि घाटों पर नहीं आएं। चिता का कारण यह है कि डुबकी लगाने के दौरान संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है। मास्क का प्रयोग करने एवं फिजिकल डिस्टेसिग का पालन करने की अपील की जा रही है।

मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस अफसरों की तैनाती

कार्तिक पूर्णिमा स्नान को लेकर श्रद्धालुओं के आने को लेकर वैशाली जिला प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया है। डीएम उदिता सिंह एवं पुलिस कप्तान मनीष के नेतृत्व में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी मुस्तैद हैं। पूरे शहर में दर्जनों जगहों पर वैरिकेडिग की गई है। वहीं घाटों पर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। सभी घाटों पर मजिस्ट्रेट एवं बल की तैनाती के साथ मेडिकल टीम की तैनाती की गई है। प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है। गंगा एवं गंडक नदी में निजी नावों के परिचालन पर प्रतिबंध

हाजीपुर : कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दौरान दुर्घटना की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने हाजीपुर में गंगा एवं गंडक नदी में निजी नाव के परिचालन पर रोक लगा दी है। डीएम उदिता सिंह एवं एसपी मनीष के निर्देश के आलोक में हाजीपुर सदर अनुमंडल दंडाधिकारी संदीप शेखर प्रियदर्शी ने 29 नवंबर की संध्या 6 बजे से 1 दिसंबर को सुबह तक सभी घाटों पर निजी नाव के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। हाजीपुर अनुमंडल न्यायालय से जारी धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा आदेश में कहा गया है कि इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा मेला का शुभ मुहूर्त 29 नवंबर रविवार को 12.33 बजे से 30 नवंबर सोमवार को 2.26 बजे तक है। स्नान-दान का सोमवार को पूरे दिन शुभ मुहूर्त है। कार्तिक पूर्णिमा मेला के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करते हैं। इस दौरान प्रचार-प्रसार के बहाने निजी नाव का इस्तेमाल किया जाता है। इससे श्रद्धालुओं के स्नान करने एवं विधि-व्यवस्था संधारण में कठिनाई होती है। इतना ही नहीं इंजनचालित नावों से भाड़ा के उद्देश्य से फेरी लगाकर लोगों को इस पार से उस पार कराया जाता है। वहीं भाड़ा कमाने की होड़ में नावों पर क्षमता से अधिक लोगों को बैठा लिया जाता है और अनियंत्रित गति से नावों का परिचालन किया जाता है। जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। जीवन सुरक्षा के मद्देनजर सभी घाटों पर सभी तरह के निजी नाव का परिचालन 29 नवंबर की संध्या 6 बजे से 1 दिसंबर की सुबह तक सभी घाटों पर निजी नावों का परिचालन प्रतिबंधित रहेगा।

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