भारत में हर आठ में से एक व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार

जागरण संवाददाता हाजीपुर भारत में हरेक आठ में से एक व्यक्ति मानसिक रोग के शिकार ह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 11:18 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 11:18 PM (IST)
भारत में हर आठ में से एक व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार
भारत में हर आठ में से एक व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार

जागरण संवाददाता, हाजीपुर :

भारत में हरेक आठ में से एक व्यक्ति मानसिक रोग के शिकार हैं। यह देश की कुल जनसंख्या का 14 प्रतिशत है। यह आंकड़ा आने वाले दिनों के लिए खतरनाक संकेत है। मानसिक रोगों से संबंधित भ्रांतियों को दूर करने में स्वास्थ्यकर्मियों की अहम भूमिका है। इसके लिए हरेक स्वास्थ्यकर्मियों को अपने कार्य क्षेत्र में मानसिक रोगियों की पहचान कर अस्पताल मे समुचित उपचार कराने में सहयोग करना चाहिए। यह बातें स्थानीय सदर अस्पताल के जिला मानसिक स्वास्थ्य केंद्र सभागार में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सा पदाधिकारियों ने कही। कार्यक्रम का शुभारंभ सिविल सर्जन डा. प्रमोद कुमार सिंह, उपाधीक्षक सदर अस्पताल डा. एसके वर्मा, चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला मंत्री वीरेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए मानसिक स्वास्थ्य जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी दयानंद श्रीवास्तव ने कहा कि आज दुनिया तेजी से ध्रुवीकृत हो रही है, अमीर लोग और ही अमीर बन रहे हैं, जबकि गरीबों और साधनहीन की संख्या अभी भी बहुत ज्यादा है। बीते सालों में यह देखा गया है कि लोगों के सामाजिक और आर्थिक दर्जे के अनुसार भेदभाव काफी बढ़ा है। यह भेदभाव भी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है। मेंटल हेल्थ एक ऐसा विषय है जो हमारे जीवन में बेहद अहमियत रखता है, फिर भी ज्यादातर लोग इसकी अनदेखी करते हैं। मेंटल स्ट्रेस, डिप्रेशन, इंजायटी से लेकर हिस्टिरिया, डिमेंशिया, फोबिया जैसी कई मानसिक बीमारी तेजी से पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। कोरोना काल में तो सोशल डिस्टेंसिग और आइसोलेशन के कारण यह समस्या और भी बढ गई है। ऐसे में एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य थीम के साथ इस विषय पर जागरूकता और भी प्रासंगिक हो गया है।

कार्यक्रम में भौतिक चिकित्सक डा. अमरेश कुमार ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी व्यसनों के कुचक्र में फंस कर अवसाद और तनाव से ग्रसित हो रहे हैं। इससे आत्महत्या के मामले भी बढ़े हैं, जो चिता का विषय है। इस मौके पर डा. सत्येंद्र प्रसाद सिंह, डा. अभिषेक शरण, डा. सुरभि श्रीवास्तव, कुमकुम त्रिपाठी, रूकमिणी कुमारी, जयव‌र्द्धन, रश्मिता साहू, निभा रानी, हरवंश कुमार, रिकु कुमारी, विद्या ज्योति स्नि्हा, सुजाता कुमारी, पूनम कुमारी, आशा कुमारी आदि उपस्थित थे।

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