वैशाली में किसी को बालू खनन का अधिकार नहीं अब विभाग करेगा कारोबारियों पर सख्ती

अवैध बालू खनन और इसकी ढुलाई पर पूरी तरह से शिकंजा कसने को तैयार जिला प्रशासन अब कई रणनीति तैयार किया है। इसके अवैध कारोबार पर रोक के लिए जिले में थानाध्यक्षों के साथ ही सभी अंचलाधिकारियों को कार्रवाई की जिम्मेवारी सौंपी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 11:39 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 11:39 PM (IST)
वैशाली में किसी को बालू खनन का अधिकार नहीं अब विभाग करेगा कारोबारियों पर सख्ती
वैशाली में किसी को बालू खनन का अधिकार नहीं अब विभाग करेगा कारोबारियों पर सख्ती

जागरण संवाददाता, हाजीपुर :

अवैध बालू खनन और इसकी ढुलाई पर पूरी तरह से शिकंजा कसने को तैयार जिला प्रशासन अब कई रणनीति तैयार किया है। इसके अवैध कारोबार पर रोक के लिए जिले में थानाध्यक्षों के साथ ही सभी अंचलाधिकारियों को कार्रवाई की जिम्मेवारी सौंपी गई है। इसकी मानिटरिग एसडीओ एवं एसडीपीओ के स्तर से की जाएगी। वहीं अवैध खनन एवं परिवहन करने वाले वाहनों के पकड़े जाने पर अब खनन विभाग की जुर्माने राशि दोगुनी कर दी गई है। वहीं परिवहन विभाग को अलग से जुर्माना लगाने का अधिकार दिया गया है। हालांकि वैशाली जिले में बालू खनन के लिए किसी भी कंपनी या फर्म को पट्टा नहीं मिला है, लेकिन यहां कई इलाके में बेरोक-टोक धड़ल्ले से इसका व्यापार चल रहा है। कहते हैं कि इस धंधे में कुछ बड़े-बड़े लोग भी शामिल हैं।

विभागीय सूत्रों ने बताया है कि जिले में एकमात्र वंशीधर फर्म को बालू के भंडारण और विक्रय का अधिकार है। उसके लिए फर्म को तेरसिया और कोनहारा घाट के पास में स्टाकिस्ट प्वाइंट दिया गया है। विभाग का कहना है कि फर्म को केवल बाहर से मंगाए बालू का भंडारण और उसे विक्रय करने का अधिकार दिया गया है। जिले में उन्हें किसी प्रकार का खनन करने का अधिकार नहीं है। इस बीच लोगों की शिकायत है कि यहां गंगा और गंडक नदियों से सफेद बालू का धड़ल्ले से खनन और व्यापार हो रहा है। हालांकि सरकार की सख्ती के बाद पिछले कुछ दिनों में कहीं-कहीं कुछ छोटी गाड़ियों को पकडा गया और जुर्माने की वसूली की गई, लेकिन इस पर रोक के उपाय नहीं किए गए।

सूत्रों के अनुसार जिले में पिछले दिनों की गई कार्रवाई में राधोपुर दियारे से बालू लदे 9 ट्रैक्टर को पकड़ा गया। बिदुपुर थाना क्षेत्र से भी 12 ट्रैक्टर पकड़े गए। लेकिन अन्य इलाके में कार्रवाई नगण्य है। यहां सफेद बालू का खनन हाजीपुर नगर, हाजीपुर सदर, गंगाब्रिज, राघोपुर, जुड़ावनपुर, रूस्तमपुर, बिदुपुर, चांदपुरा ओपी, देसरी, सहदेई बुजुर्ग, महनार, करताहां, लालगंज, वैशाली आदि थाना क्षेत्रों में धड़ल्ले से हो रहा है। यहां से सैंकड़ों ट्रैक्टर और डंपर सफेद बालू का खनन कर जिले के अनेक हिस्सों में पहुंचा रहे हैं। इसे रोकने के लिए कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। खनन में लगे दर्जनों क्रेन के साथ सैकड़ों मजदूर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की आंखों के सामने बेरोक-टोक यह कारोबार कर रहे हैं। पुलिस सिर्फ कुछ दिखावे की कार्रवाई कर शांत बैठ जाती है। डीएम व डीटीओ तय करेंगे ढुलाई दर का निर्धारण राज्य सरकार से जिलों के लिए प्रति सौ सीएफटी 3900 रुपये बालू का दर निर्धारण कर दिए जाने के बाद इसके ढुलाई का किराया जिलाधिकारी और जिला परिवहन पदाधिकारी को तय करना है। यहां इसके लिए पहले से दर निर्धारित किए गए हैं। इस मामले में फिर से समीक्षा होने की संभावना है। दूसरी ओर सरकारी दर निर्धारण के बावजूद दोगुणे से ढ़ाई गुणा ज्यादा कीमत पर बेवे जा रहे हैं। इस समय जिले के कुछ हिस्से में 8 हजार से लेकर 12 हजार रुपये तक के दर से बालू उपलब्ध हो रहे हैं। खनन विभाग से जुर्माने की राशि : बालू वाहन - जुर्माना राशि

ट्रैक्टर-ट्राली - 25 हजार

मिनी हाफ ट्रक - 50 हजार

ट्रक एवं डंपर - 01 लाख

दस चक्के ट्रक - 02 लाख

क्रेन एवं लोडर - 04 लाख

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