निर्मला की साहस ने बचा ली एक मासूम की जान

फोटो- 08 09 एवं 13 - उमेश पासवान की 14 वर्षीया पुत्री निर्मला ने दुपट्टा फेंक कर आठ वर्षीय मुन्ना को डूबने से बचाया अन्य को नहीं बचाने का है अफसोस जागरण टीम महुआ/चेहराकलां

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 01:23 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 06:12 AM (IST)
निर्मला की साहस ने बचा ली एक मासूम की जान
निर्मला की साहस ने बचा ली एक मासूम की जान

वैशाली । चेहराकलां प्रखंड की बस्ती सरसीकन अनुसूचित जाति टोले में एक साथ तीन घरों का चिराग बुझ जाने से पूरे गांव में मातम है। इन बच्चों के माता-पिता ने भी इनसे काफी उम्मीदें लगा रखी थीं, लेकिन काल ने तीनों घरों के सपने चकनाचूर कर दिए। रविवार दोपहर यहां चंवर के एक पोखर में डूबने से तीन बच्चों की मौत ने इन परिवारों की सारी खुशियां छीन लीं।

बताते हैं कि इस टोले के कुछ बच्चे खेत में खेलते-खेलते जेसीबी से खोदे गए पोखरे में नहाने चले गए। गड्ढे काफी गहरे होने का इन्हें अंदाजा नहीं लगा और एक के बाद एक करके तीन बच्चे डूबते चले गए। हालांकि, एक चौथा बच्चा भी डूब रहा था तभी पास में बकरी चरा रही उमेश पासवान की 14 वर्षीया पुत्री निर्मला की उस पर नजर पड़ गई। उसने शोर मचाते हुए दौड़ कर पानी में अपना दुपट्टा फेंक दिया, जिसके सहारे एक बच्चे की जान बच गई। भरत पासवान का दूसरा बच्चा 8 वर्षीय मुन्ना कुमार तो निर्मला की सहायता से बच निकला, लेकिन उसके ही 12 वर्षीय पुत्र गोलू कुमार के साथ रंजीत पासवान के 10 वर्षीय पुत्र मनीष कुमार और विशेश्वर पासवान के 8 वर्षीय पुत्र सोम कुमार की डूबने से मौत हो गई।

काफी संख्या में जुटे लोगों की सराहना के बीच निर्मला ने बताया कि सभी बच्चे खेल रहे थे। इसी क्रम में वह नहाने चले गए। बच्चे डूबने लगे तो एक बच्चे ने शोर मचाया। बच्चे की आवाज पर पोखर की तरफ देखा तो बच्चे डूबते नजर आए। इसके बाद उसे कुछ नजर नहीं आया तो दौड़ कर अपना दुपट्टा फेंक बच्चों को बचाने की कोशिश की। इसमें एक बच्चा मुन्ना तो बच पाया लेकिन तीन बच्चे को वह बचा नहीं पाई। इस बात का निर्मला को काफी अफसोस है।

----------

स्वजनों को मिलेगी आपदा राहत की राशि

बस्ती सरसीकन में तीन बच्चों के डूब कर मरने की सूचना पर चेहराकलां बीडीओ अवधेश कुमार राय, सीओ लवकेश शर्मा एवं कटहरा ओपी प्रभारी संजय कुमार मृत बच्चों के घर पहुंचे। प्रशासनिक अधिकारियों ने पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी। इस बीच मुखिया प्रतिनिधि राजेश कुमार ने तीनों बच्चे के स्वजनों को कबीर अंत्येष्टि योजना की तीन-तीन हजार रुपये उपलब्ध कराए। वहीं, सीओ लवकेश शर्मा ने बताया कि प्रत्येक पीड़ित परिवारों को आपदा प्रबंधन विभाग से चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे। यह सहायता राशि उनके बैंक खाते पर भेजा जाएगी। इस बीच ओपी प्रभारी संजय कुमार ने मृत बच्चों के स्वजनों से घटना की जानकारी ली। लोगों ने बताया कि बच्चों के चिल्लाने पर आसपास में धान रोप रहे किसानों पोखर दौड़े, लेकिन तब तक बच्चे डूब चुके थे। देखते-देखते ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। काफी प्रयास के बाद तीनों के शव पोखर से बाहर निकाला गया। बच्चों के शव देखते ही पोखर के आसपास चीख-पुकार मच गई। सबकी आंखें नम हो गई। बच्चों को देखने कई गांवों की भीड़ उमड़ पड़ी।

chat bot
आपका साथी