बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने का मोती पासवान ने उठाया बीड़ा

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से स्कूल-कालेज बंद है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 11:46 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 06:11 AM (IST)
बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने का मोती पासवान ने उठाया बीड़ा
बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने का मोती पासवान ने उठाया बीड़ा

- गरीब बच्चे पढाई से वंचित नहीं रह जाए इसके लिए बरियारपुर गांव में रोज दो घंटे नि:शुल्क पढ़ा रहा युवक

- कोरोना के संक्रमणकाल में युवक ने की अनूठी पहल, फिजिकल डिस्टेसिग का पालन कर पढ़ा रहे हैं बच्चों को

संवाद सूत्र, राजापाकर :

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से स्कूल-कॉलेज बंद हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे भी बच्चे हैं, जिनके पास ना तो स्मार्ट फोन है और ना ही टीवी। ऐसे में गरीब बच्चे पढाई से वंचित नहीं रह जाए इसके लिए राजापाकर प्रखंड के बरियारपुर गांव में एक उत्साही युवक ने उन्हें नि:शुल्क शिक्षा देने का बीड़ा उठाया है। वह गरीब बच्चों को रोज दो घंटे नि:शुल्क शिक्षा दे रहा है।

विजय पासवान के 18 वर्षीय पुत्र मोती पासवान ग्रामीण बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने के अभियान लगातार जुटा हुआ है। उसने गांव के 30-40 बच्चों को अपनी ओर से पुस्तकें उपलब्ध कराई है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अपने हाथों से सिले मास्क भी दिए हैं। मोती पासवान गांव के गरीब बच्चों को अपने ही गांव के मां काली स्थान परिसर में प्रतिदिन दो घंटे नि:शुल्क शिक्षा देने का अभियान चला रहा है। उसका यह अभियान लगभग दो महीने से लगातार जारी है।

गांव के इस युवक के नि:शुल्क शिक्षा अभियान से बच्चों में भी काफी उत्साह हैं। वह समय पर हाजिर होकर पूरे मन से पढाई कर रहे हैं। इससे उनके अभिभावक भी बहुत खुश हैं। विद्यालयों के बंद रहने से ग्रामीण बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ा है। ऐसे में उनके बीच के ही युवक का यह प्रयास काफी सराहे जा रहे हैं। लोंगों ने भी कहा है कि इसमें मोती पासवान को सभी मिलकर सहयोग करना चाहिए। वह आसपास के बच्चों को पढ़ने के लिए भेजें।

मोती पासवान का कहना है कि बच्चों को पढ़ाने से आपका मेमोरी पावर बढ़ेगा और बच्चों को भी लाभ होगा। उसने कहा यह भी कहा कि तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान, सीस दिए गुरु मिले, तो भी सस्ता जान। सरकार को भी चाहिए कि कोचिग खोलने की अनुमति दे ताकि कोचिग संचालक सावधानी बरतते हुए बच्चों को पढाएं। छत्रों का सिलेबस पुरा नहीं होने से छात्र और उनके अभिभावक भी चितित है। हम छात्रों के हित में एक छोटा सा प्रयास कर रहे हैं और इसमें सभी का सहयोग मांग रहे हैं।

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