राघोपुर में राशन लेकर घर लौट रही मां-बेटी की डूबने से मौत

वैशाली। रुस्तमपुर ओपी के बहरामपुर पंचायत के मदहा गांव में राशन लेकर लौट रही मां-बेटी की पानी में डूबने से मौत हो गई। घटना गुरुवार की दोपहर लगभग 3 बजे की है। जिसमें बहरामपुर पंचायत के मदहा गांव निवासी पूर्व वार्ड सदस्य भूनदेव पासवान की 45 वर्षीय पत्नी पनमा देवी एवं 12 वर्षीय पुत्री रीता कुमारी बाढ़ के पानी में डूब गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 11:27 PM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 11:27 PM (IST)
राघोपुर में राशन लेकर घर लौट रही मां-बेटी की डूबने से मौत
राघोपुर में राशन लेकर घर लौट रही मां-बेटी की डूबने से मौत

वैशाली।

रुस्तमपुर ओपी के बहरामपुर पंचायत के मदहा गांव में राशन लेकर लौट रही मां-बेटी की पानी में डूबने से मौत हो गई। घटना गुरुवार की दोपहर लगभग 3 बजे की है। जिसमें बहरामपुर पंचायत के मदहा गांव निवासी पूर्व वार्ड सदस्य भूनदेव पासवान की 45 वर्षीय पत्नी पनमा देवी एवं 12 वर्षीय पुत्री रीता कुमारी बाढ़ के पानी में डूब गई। मौके पर मौजूद लोगों ने घंटों कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को बाहर निकाला। तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पानी में डूबने से दोनों की मौत हो गई। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी सीओ सचिद्र कुमार एवं रुस्तमपुर ओपी अध्यक्ष शुभ नारायण प्रसाद यादव को दी। सूचना पर पहुंची रुस्तमपुर ओपी की पुलिस ने मां-बेटी के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पंचायत की मुखिया शकुंतला देवी ने मौके पर पहुंचकर मृतक के स्वजनों को ढांढस बढ़ाया एवं हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। शकुंतला देवी ने सीओ से बात कर अविलंब मृतक के स्वजनों को सरकारी सहायता राशि देने की मांग की।

ग्रामीणों ने बताया कि बहरामपुर मदहा निवासी भूनदेव पासवान की पत्नी पनमा देवी एवं बेटी रीता कुमारी फतुहा से राशन लेकर घर लौट रही थी। इसी दौरान मदहा पुलिया के निकट पानी के तेज बहाव में पहले बेटी बह गई। बेटी को बचाने में मां भी पानी में डूब गई। मौके पर मौजूद लोगों ने शोर-शराबा किया एवं घंटों कड़ी मशक्कत के बाद पानी से शव को बाहर निकाला। घटना के बाद मृतक के बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है। मृतका को पांच बेटी संगीता कुमारी, सविता कुमारी, खुशी कुमारी, श्रुति कुमारी जबकि दो बेटा दिलखुश कुमार मनखुश कुमार है। स्थानीय लोगों ने बताया कि भूनदेव पासवान मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं।

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