हल्दिया चंवर में बाढ़ से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद

ुुुसंवाद सहयोगी सोनपुर । सोनपुर से नयागांव होते दरियापुर के आगे तक फैला हल्दिया चंवर एक बार फिर बाढ की विभीषिका झेलने को विवश है। पहले से ही जल जमाव के लिए अभिशप्त इस चंवर में दरियापुर के तरफ से आये गंडक नदी के पानी से सैकड़ों एकड़ भूमि में लगी धान मकई तथा हरी साग सब्जियां डूब गई ।इस बीच बहेड़वागाछी गांव में पानी प्रवेश कर जीने से लोगों में अफरातफरी मच गयी ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 11:51 PM (IST) Updated:Sat, 15 Aug 2020 06:14 AM (IST)
हल्दिया चंवर में बाढ़ से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद
हल्दिया चंवर में बाढ़ से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद

पहले से ही जलजमाव के लिए अभिशप्त इस चंवर में दरियापुर के तरफ से आये गंडक नदी के पानी से सैकड़ों एकड़ भूमि में लगी धान, मकई तथा हरी साग-सब्जियां डूब गयी हैं। इस बीच बहेड़वागाछी गांव में पानी प्रवेश कर जाने से लोगों में अफरातफरी मच गयी है। इस गांव के पूर्वी तथा पश्चिमी हिस्से के दर्जनों घरों व रास्ते पर बाढ़ का पानी है। वहां के निवासी एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह पटेल ने शुक्रवार को बताया कि बाढ़ के पानी से भारी तबाही का आलम है।

हल्दिया चंवर में बहेड़वागाछी के अधिकतर किसान हरी साग-सब्जियों की खेती करते हैं। वहीं नयागांव, गोपालपुर, हसनपुर, रसूलपुर, महदल्लीचक, चतुरपुर, राजापुर, हासिलपुर तथा डूमरी बुजुर्ग आदि पंचायतों के अनेक गांवों के किसानों की इस चंवर में मकई, धान, व सब्जियों की खेती है। कितु अचानक आयी बाढ़ के पानी ने सारी फसलों को डुबो दिया। किसानों की मेहनत से लगाये गये करोड़ों रुपये की फसल पानी में डूब कर बर्बाद हो रही है। सारण के तरैयां, परसा, मकेर होते दरियापुर के रास्ते बाढ़ का पानी इस चंवर होकर गांव के तरफ फैल रहा है।

इधर फोरलेन सड़क निर्माण कंपनी मधुकान का बेस कैंप चारो तरफ से बाढ़ के पानी से घिर गया है। दरियापुर बेला रेल चक्का कारखाना जाने वाले मार्ग पर भी पानी चढ़ गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ रामाकांत महतो ने बताया कि जिधर की भूमि नीची है उधर ही बाढ़ के पानी का फैलाव हो रहा है। उन्होंने बताया कि महदल्लीचक समेत हल्दिया चंवर तथा इस इलाके से जुड़े सभी गेट को खोल दिया गया है। परिणामस्वरूप काफी तेजी से चंवर तथा इस क्षेत्र का पानी गंगा नदी में जा रहा है। दूसरी ओर वहां के किसानों ने बताया कि अगर इस बाढ के पानी का ठहराव चंवर में ज्यादा समय तक हो गया तब इसका प्रभाव आगामी रबी की फसल पर पड़ेगा ।

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