गंगा-गंडक का जिले में कहर थमा तो पातेपुर में नून एवं कदाने नदी उफान पर

वैशाली। वैशाली जिले में एक सप्ताह से गंगा एवं गंडक का कहर थमने के बाद अब पातेपुर प्रखंड क्षेत्र में नून नदी एवं कदाने नदी इन दिनों क्षेत्र के लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही भारी वृद्धि के कारण एक दर्जन से अधिक पंचायत बाढ़ की चपेट में आ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Aug 2021 11:14 PM (IST) Updated:Mon, 23 Aug 2021 11:14 PM (IST)
गंगा-गंडक का जिले में कहर थमा तो पातेपुर में नून एवं कदाने नदी उफान पर
गंगा-गंडक का जिले में कहर थमा तो पातेपुर में नून एवं कदाने नदी उफान पर

वैशाली।

वैशाली जिले में एक सप्ताह से गंगा एवं गंडक का कहर थमने के बाद अब पातेपुर प्रखंड क्षेत्र में नून नदी एवं कदाने नदी इन दिनों क्षेत्र के लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही भारी वृद्धि के कारण एक दर्जन से अधिक पंचायत बाढ़ की चपेट में आ गई है। नदी के पानी ने सटे गांवों में बड़ी तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है। एक ओर जहां लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं किसानों के खेतों में लगी फसल भी बर्बाद हो रही है। इलाके के किसानों की शिकायत है कि इलाके में बाढ़ का पानी लगातार फैलने के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर राहत एवं बचाव की दिशा में कोई खास कदम नहीं उठाया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार पातेपुर प्रखंड क्षेत्र में नून नदी एवं कदाने नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण गोविदपुर बेला पंचायत के जयसिंहपुर विजयपुरा गांव के महादलित टोला के साथ ही अन्य गांव में भी पानी तेजी से पांव पसारने लगा है। वहीं अजीजपुर चांदे पंचायत, मरुई, लदहो, बकाढ, बलिगांव, तिसिऔता धर्मपुर, महथी,अगरैल, सुक्की, चांदपुर फतह, निरपुर समेत कई अन्य पंचायतों में पानी फैल रहा है। लोगों का कहना है कि इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

बाढ़ के कारण हालात के दिनोंदिन हालात के काफी गंभीर होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन के स्तर पर राहत एवं बचाव की दिशा में कारगर कदम नहीं उठाए जाने को लेकर प्रभावित इलाके के लोगो में आक्रोश व्याप्त है। कई पंचायत का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। साथ ही आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। गौरतलब होगा कि गत वर्ष 2020 में भी पातेपुर प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी।अब इस बार भी उफनती नदियों ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। धान की फसल के साथ ही साग सब्जी की फसल डूबकर पूरी तरह बर्बाद हो गयी है। पशुओं के चारे के लिए भी पशुपालकों को इधर उधर भटकना पड़ रहा है।

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