हाजीपुर शहर में घुसा बाढ़ का पानी, बालादास मठ व अंजानपीर चौक इलाके में पानी फैला

उफनती गंगा और गंडक ने हाजीपुर शहर को बाढ़ के चपेट में ले ली है। शहर के दक्षिणी एवं पश्चिमी हिस्से में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे शहर वासियों में खतरे का अंदेशा बढ़ने लगा है। हाल के कुछ दशक में पहली बार गंडक नदी का पानी शहर के पश्चिमी हिस्से से प्रवेश करना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Aug 2021 10:56 PM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 10:56 PM (IST)
हाजीपुर शहर में घुसा बाढ़ का पानी, बालादास मठ व अंजानपीर चौक इलाके में पानी फैला
हाजीपुर शहर में घुसा बाढ़ का पानी, बालादास मठ व अंजानपीर चौक इलाके में पानी फैला

जागरण संवाददाता, हाजीपुर :

उफनती गंगा और गंडक ने हाजीपुर शहर को बाढ़ के चपेट में ले ली है। शहर के दक्षिणी एवं पश्चिमी हिस्से में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे शहर वासियों में खतरे का अंदेशा बढ़ने लगा है। हाल के कुछ दशक में पहली बार गंडक नदी का पानी शहर के पश्चिमी हिस्से से प्रवेश करना शुरू कर दिया है। जानकारों के अनुसार शहर के लिए यह खतरनाक संदेश है। नया गंडक पुल के आसपास से शहर में घुसे गंडक की बाढ़ का पानी अंजान पीर चौक इलाके के साथ ही बाला दास मठ के आसपास फैल गया है। इसके साथ ही हाजीपुर-लालगंज मुख्य मार्ग पर कई जगह पानी पार करने को उतारू है। इससे स्थानीय लोग काफी भयभीत हैं और डर के साये में आ गए हैं। नदी किनारे के काफी लोग घर छोड़ कर दूसरी जगह जाने की तैयारी कर रहे हैं। हाजीपुर नगर में पानी प्रवेश कर जाने को लेकर सभापति किरण देवी एवं पूर्व सभापति रमा निषाद ने प्रभावित इलाके का दौरा कर हालात का जायजा लिया एवं चिता जताते हुए जिला प्रशासन से सुरक्षात्मक उपाय करने की मांग की है।

हालांकि सरकारी स्तर पर बालू की बोरियां नदी के किनारे लगाया जा रहा है। लेकिन इससे पानी रूकने का नाम नहीं ले रहा है। जिला प्रशासन ने भी नगर परिषद क्षेत्र के 8 वार्डों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया है। यहां कर्णपुरा, रामभद्र, लोदीपुर, हरवंशपुर, मीनापुर, चकवारा आदि मुहल्ले में आंशिक भाग में गंगा नदी का पानी फैला है। वहीं गदाई सराय और इस्माइलपुर पंचायतों का आंशिक भाग गंडक नदी के बाढ़ से प्रभावित है। इस बीच शहर में पश्चिमी किनारे से अचानक पानी का घुस आना और कई मोहल्लों को प्रभावित कर देने से लोग सहम गए हैं। इस पानी के फैलने से शहर के अन्य इलाके भी प्रभावित हो जाएंगे। इस बीच गंगा और गंडक दोनों नदिया जिले के विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही है। राघोपुर में बाढ़ से घिरे लोगों को बारिश ने बढ़ाई परेशानी, आवागमन के सारे रास्ते जलमग्न संवाद सूत्र, राघोपुर : गंगा नदी की बाढ़ से प्रभावित राघोपुर गत रात हुई तेज बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। हालांकि गंगा का जलस्तर स्थिर है, लेकिन प्रखंड का पूरा इलाका जलमग्न हो चुका है। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त है। डीएम के निर्देश के बावजूद बाढ़ पीड़ितों को नाव उपलब्ध नहीं कराया गया। पंचायतों में सामुदायिक किचन शुरू नहीं किए गए। स्थानीय पदाधिकारियों के साथ कुछ बिचौलिए मिलकर सामुदायिक किचन में घालमेल कर रहे हैं।

पूरे दियारे में केले के पेड़ और ट्यूब के सहारे आवागमन हो पा रहा है। पिछले 15 दिनों से प्रखंड क्षेत्र जलमग्न है सैंकड़ों घरों में पानी घुस चुका है। बाढ़ पीड़ित अपने मवेशियों को लेकर ऊंचे स्थान पर शरण ले रहे हैं। उन्हें दैनिक उपयोग के सामान के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने-जाने में परेशानी हो रही हैं। प्रखंड में लगभग तीन लाख की आबादी अपने हाल पर जीने को विवश है। पीड़ित परिवार चौकी एवं मचान बनाकर किसी तरह गुजर बसर कर रहे हैं। मुख्य सड़क एवं ग्रामीण सड़कों का आवागमन पूरी तरह ठप है। यहां की आबादी पूरी तरह अपने घर में कैद है। यहां नाव की कमी तो है ही, कुछ पंचायतों में सामुदायिक किचेन भी शुरू नहीं किया गया। लोगों का आरोप है कि यहां अंचल कार्यालय के कागजों में नाव का परिचालन और बाढ़ पीड़ितों को भोजन कराया जा रहा है। पशु चारे का संकट, खाने-पीने के साथ दवा एवं शुद्ध पेयजल का भी संकट बना हुआ है। प्रखंड के दियारे क्षेत्र में हाट-बाजारों में खाद्य सामग्री और साग-सब्जियां भी नहीं पहुंच पा रही हैं। आवागमन पूरी तरह से ठप हो चुका है। करीब एक पखबारे से बाढ़ की चपेट में घिरे लोगों के घरों का सुखा राशन भी समाप्त हो रहा है। आने वाले दिनों में घर का चूल्हा कैसे जलेगा, उन्हें इसकी चिता सता रही है।

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