जल जीवन हरियाली दिवस पर वैकल्पिक फसल एवं टपकन सिचाई पर परिचर्चा
जल जीवन हरियाली दिवस कार्यशाला में वैकल्पिक फसलों की खेती टपकन विधि से सिचाई जैविक खेती को बढ़ावा एवं अन्य आधुनिकतम तकनीकों के उपयोग से उत्पादन बढ़ाने आदि विषयों पर परिचर्चा हुई।
जागरण संवाददाता, हाजीपुर :
जल जीवन हरियाली दिवस कार्यशाला में वैकल्पिक फसलों की खेती, टपकन विधि से सिचाई, जैविक खेती को बढ़ावा एवं अन्य आधुनिकतम तकनीकों के उपयोग से उत्पादन बढ़ाने आदि विषयों पर परिचर्चा हुई। कार्यशाला में उप विकास आयुक्त विजय प्रकाश मीणा ने ग्रामीण विकास एवं कृषि विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिला कृषि पदाधिकारी एवं जिला उद्यान पदाधिकारी समेत अन्य विभागीय अधिकारी जल जीवन हरियाली अभियान एवं आधुनिकतम खेती के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें। परिचर्चा टेलिकास्ट में राज्य स्तरीय पदाधिकारियों के साथ जिले के विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हुए।
समाहरणालय सभागार में आयोजित कार्यशाला में डीडीसी ने कहा कि जल जीवन हरियाली अभियान के तहत प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जिलास्तर पर जल जीवन हरियाली दिवस का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान वैकल्पिक फसलों, टपकन सिचाई, जैविक खेती एवं अन्य नई तकनीकों का उपयोग करने को लेकर जन जागरूकता लाया जाएगा। इस मौके पर जिलास्तरीय पदाधिकारी, कर्मी, किसान, आम नागरिक एवं जन प्रतिनिधि भी जुड़े थे। सभी ने वैकल्पिक फसलों, टपकन सिचाई, जैविक खेती एवं अन्य नई तकनीकों के उपयोग से संबंधित जानकारी प्राप्त किए।
इस दौरान बताया गया कि जिले में 2274 एकड़ में किसानों ने जैविक खेती की है। वहीं 55.42 एकड़ में टपकन विधि से सिचाई की जा रही है। डीडीसी ने अधिक से अधिक किसानों को प्रोत्साहित कर जैविक खेती एवं टपकन सिचाई को बढावा देने का निर्देश दिया। कार्यशाला में जिला कृषि पदाधिकारी, उद्यान पदाधिकारी, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के अशोक कुमार राय, अमरेंद्र कुमार, सूरजदेव नारायण एमआईएस एवं मनरेगा से जुड़े अधिकारी-कर्मी शामिल थे।