उदीयमान भगवान भास्कर को अ‌र्घ्यदान के साथ छठव्रतियों ने संकल्प सहित किया पारण

लोक महापर्व चैती छठ अनुष्ठान के समापन पर सोमवार को व्रतियों ने उदीयमान भगवान भास्कर को अ‌र्घ्यदान के साथ ही पारण किया। महाव्रत पारण करते हुए व्रतियों ने परिवार समाज देश और विश्व कल्याण की दुआ मांगते हुए फिर से अ‌र्घ्य उठाने का संकल्प लिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 10:02 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:02 PM (IST)
उदीयमान भगवान भास्कर को अ‌र्घ्यदान के साथ छठव्रतियों ने संकल्प सहित किया पारण
उदीयमान भगवान भास्कर को अ‌र्घ्यदान के साथ छठव्रतियों ने संकल्प सहित किया पारण

जागरण संवाददाता, हाजीपुर :

लोक महापर्व चैती छठ अनुष्ठान के समापन पर सोमवार को व्रतियों ने उदीयमान भगवान भास्कर को अ‌र्घ्यदान के साथ ही पारण किया। महाव्रत पारण करते हुए व्रतियों ने परिवार, समाज, देश और विश्व कल्याण की दुआ मांगते हुए फिर से अ‌र्घ्य उठाने का संकल्प लिया। चार दिवसीय अनुष्ठान समापन पर उगते सूर्य को अ‌र्घ्यदान के बाद व्रतियों ने विशेष पूजन भी किया। इस बार कोरोना महामारी को लेकर लोक आस्था के इस महापर्व पर भी असर दिखा। नदी घाटों एवं तालाबों सहित किसी भी सार्वजनिक जगह पर एकत्रित होने की पाबंदी के कारण बड़ी संख्या में व्रतियों ने अपने-अपने घरों पर ही छोटे तालाब बनाकर अ‌र्घ्यदान किया और परिवार समेत समाज और देश को महामारी के प्रकोप से निजात की दुआ की।

अ‌र्घ्यदान के दौरान कोरोना संक्रमण के भय के बावजूद व्रतियों के उत्साह में कोई कमी नहीं थी। नदी घाटों पर अपेक्षाकृत कम भीड़ थी और बड़ी संख्या में व्रतियों ने अपने-अपने घरों पर ही अ‌र्घ्यदान किया। महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण गंडक घाट पर उपस्थिति नहीं के बराबर दिखी, लेकिन गांव-देहात में पोखर घाट पर भीड़ अवश्य थी। इसके बावजूद व्रतियों ने अपने घर पर ही वैकल्पिक व्यवस्था कर भगवान सूर्य को पूरे विधि-विधान के साथ अ‌र्घ्य अर्पित किया। उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पित करने के साथ ही चार दिवसीय अनुष्ठान का पारण हो गया।

जिला प्रशासन के अघिकारी और पुलिसकर्मी भी घाटों पर सक्रिए रहे। नदी में बचाव दल तैनात किए गए थे। अ‌र्ध्यदान को लेकर यहां गंगा और नारायणी नदी के विभिन्न घाटों पर व्रतियों की भीड़ को देखते हुए प्रशासनिक महकमा मुस्तैद रहा। सुरक्षा व्यवस्था के बीच व्रतियों ने पूरी आस्था और भक्ति के साथ गंगा-गंडक के विभिन्न घाटों पर डूबकी लगाई सूर्योंपासना का व्रत किया।

किसी ने टब तो किसी ने घर के छोटे कुंड में ही दिया अ‌र्घ्य संवाद सहयोगी, महनार : चार दिनों तक चलने वाला चैत माह छठ का महापर्व सोमवार की सुबह उदयीमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए बहुत कम व्रतियों ने तालाब, नदी और पोखर में जाकर उगते हुए सूर्य अ‌र्घ्य दिया। अधिकांश व्रतियों ने अपने-अपने घरों में ही अ‌र्घ्य देने की व्यवस्था की थी। किसी ने टब तो किसी ने घर के अंदर ही बनाए गए छोटे कुंड में खड़े होकर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की। चार दिवसीय छठ महापर्व अनुष्ठान के मौके पर महिलाएं घरों में छठी मइया की परंपरागत मनोहर लोकगीत मारबो रे सुगवा धनुष से सुगवा गिरे मुरझाय, केलवा के पात पर उगलन सूरज देव आदि गाकर भगवान भास्कर को प्रसन्न किया। जिस महापर्व का शोर विगत सालों में सड़कों पर सुनाई देता था। आज कोरोना की त्रासदी की वजह से उनके घरों तक ही सिमटा हुआ था।

कोरोना संक्रमण के खौफ को छठव्रत ने कर दिया दरकिनार संवाद सूत्र, राजापाकर : प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न भागों में सोमवार को उदयीमान सूर्य को अ‌र्ध्य देने के साथ ही आस्था के महापर्व चैती छठ का समापन हो गया। शुक्रवार को नहाय- खाय के साथ शुभारंभ हुए चैती छठ को लेकर शनिवार को खरना का अनुष्ठान पूरा कर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पित किए गए थे। जबकि आज उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देकर व्रतियों ने 36 घंटे का उपवास तोड़ा। इस अवसर पर श्रद्धालु महिलाओं ने उगह हो सूरजदेव होलई अरग के बेरिया आदि भगवान भास्कर को समर्पित गीत गाकर आराधना पूरी की। श्रद्धालुओं ने अपने आवास के आसपास गड्ढा खोदकर उसमें जल भरकर घाट का शक्ल देकर अ‌र्घ्य अर्पित किया। भगवान सूर्य प्रसाद के रूप में ठेकुआ, पकवान फल-फूल ईख आदि चढ़ाई गई। आज सूर्योदय होते ही सभी डालों को एक-एक कर अ‌र्घ्य देकर महापर्व का समापन किया गया। चैती छठ को लेकर चार दिनों तक आस्था का माहौल बना रहा, लेकिन लोगों में कोरोना का खौफ बना हुआ था।

हर्षोल्लास के साथ लोगों ने घरों पर ही मनाया चैती छठ संवाद सूत्र, भगवानपुर : प्रखंड क्षेत्र में चैती छठ लोग तालाब घाटों के बजाय अपने-अपने दरवाजे पर ही छोटे तालाब का निर्माण कर उगते सूर्य को प्रणाम कर छठ पर्व किया। इसी के साथ चार दिवसीय छठ पर्व समाप्त हुआ। कोरोना जैसी महामारी के कारण लोग अपने अपने दरवाजे पर ही पूजा किया। महान आस्था का छठ पर्व कोरोना पर भारी पड़ा। प्रखंड के भगवानपुर, इमादपुर, बिठौली, हुसेना, रोहुआ, रहसा, करहरी, अकवर मलाही, बिजलीपुर, महमदाबाद सहित सभी 21 पंचायतों में हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। इस बीच भगवानपुर एवं सराय थाने की पुलिस घुम-घुम कर कोरोना गाइडलाइन के तहत सोशल डिस्टेंस एवं मास्क लगाने की आपील करते दिखे।

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