गेहूं कटनी में बिना लाइसेंस नहीं चलेगा कंबाइन हार्वेस्टर, पराली जलाने पर होगी जब्ती

फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार के साथ निदेशक आदेश तितरमारे के साथ जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग बैठक की। स्थानीय समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष से जिलाधिकारी उदिता सिंह ने जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग बैठक में शामिल हुए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 11:07 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 11:07 PM (IST)
गेहूं कटनी में बिना लाइसेंस नहीं चलेगा कंबाइन हार्वेस्टर, पराली जलाने पर होगी जब्ती
गेहूं कटनी में बिना लाइसेंस नहीं चलेगा कंबाइन हार्वेस्टर, पराली जलाने पर होगी जब्ती

जागरण संवाददाता, हाजीपुर :

फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार के साथ निदेशक आदेश तितरमारे के साथ जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग बैठक की। स्थानीय समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष से जिलाधिकारी उदिता सिंह ने जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग बैठक में शामिल हुए। बैठक में निदेशक आदेश तितरमारे ने बताया कि सरकार ने 10 जून 2019 को प्रत्येक जिले के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय अंतर विभागीय कार्य समूह का गठन किया गया है। जिसके सदस्य सचिव जिला कृषि पदाधिकारी हैं। वर्ष में दो बार खरीफ एवं रबी फसल कटनी के पूर्व इस समूह की बैठक किया जाना है। समूह के कार्यों में खरीफ एवं रबी फसल कटनी के पश्चात खेतों में अवशेष या पराली को जलाने से रोकना भी है।

उन्होंने कहा कि फसल कटनी के लिए जब से कंबाइंड हार्वेस्टर का प्रयोग बढ़ा है तब से कृषकों के फसल अवशेष खेतों में जलाने की प्रवृत्ति विकसित हुई है। इससे मिट्टी की उर्वरता पर असर पड़ता है। वहीं यह पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदेह है। उन्होंने कहा कि यह समस्या शाहाबाद क्षेत्र में उत्पन्न हुई और अब धीरे-धीरे पटना, सारण होते हुए राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी फैल गया है। कृषि विभाग ने अब कंबाइन हार्वेस्टर को चलाने के लिए उसके मालिक और ड्राइवर को अपने जिलाधिकारी से लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। उन्हें लाइसेंस इस शर्त के साथ दी जाएगी कि जिन खेतों में वह फसल कटनी करेगी, उन खेतों में फसल अवशेष या पराली नहीं जलाया जाएगा। यदि उन खेतों में फसल अवशेष जलाने की सूचना मिलेगी तो उनके लाइसेंस को रद्द कर दिया जाएगा। बिना लाइसेंस का कोई भी कंबाइन हार्वेस्टर नहीं चलेगा। उसकी जब्ती की कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि जिस किसान के अपने क्षेत्र में पराली जलाया जाएगा उन किसानों का कृषि विभाग से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण पोर्टल पर 3 साल तक के लिए पंजीकरण से वंचित कर दिया जाएगा। उन्होंने जिलाधिकारी से वैसे किसानों, प्रखंडों एवं पंचायतों को कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार के माध्यम से चिन्हित करवाने को कहा, जिनके माध्यम से खेतों में पराली जलाने की घटना पाई गई हो। साथ ही वैसे किसान सलाहकार या कृषि समन्वयक जो पराली जलाने की सूचना ससमय उपलब्ध नहीं कराते हैं उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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