अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष नदी तटबंधों पर सतत निगरानी रखें : डीएम

वैशाली। जिलाधिकारी उदिता सिंह ने मौसम विज्ञान विभाग से जारी पूर्वानुमान के आधार पर वैशाली जि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 11:26 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:26 PM (IST)
अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष नदी तटबंधों पर सतत निगरानी रखें : डीएम
अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष नदी तटबंधों पर सतत निगरानी रखें : डीएम

वैशाली। जिलाधिकारी उदिता सिंह ने मौसम विज्ञान विभाग से जारी पूर्वानुमान के आधार पर वैशाली जिले के सभी अंचलाधिकारी और थानाध्यक्षों को अपने-अपने क्षेत्र में लगातार भ्रमणशील रहते हुए तटबंधों एवं बाधों पर सतत निगरानी रखने का निदेश दिया है। जिलाधिकारी ने कहा है कि मौसम विज्ञान विभाग अगले तीन दिनों के अंदर भारी बारीश की संभावना जताई है। मौसम की चेतावनी को देखते हुए नदियों के जल स्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है, जिसको लेकर नदियों के जलस्तर एवं तटबंधो पर सतत् निगरानी रखते हुए जनमानस में भी जन जागरूकता फैलाया जाना आवश्यक है। उन्होने कहा है कि ऐसे स्थान जहां तटबंधों और बाधों की मरम्मत आदि की आवश्यकता प्रतित हो, वहां अविलम्ब संबंधित कार्यपालक अभियंता से समन्वय स्थापित करते हुए निराकरण भी करवाना सुनिश्चित् करेंगे। इसके साथ ही सभी संवेदनशील स्थलों पर प्र्याप्त संख्या में कर्मचारी और चैकीदार की प्रतिनियुक्ति करना सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को होने से बचाया जा सके।

जंदाहा : प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों से गुजरने वाली वाया नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। लेकिन वर्तमान में नदी का पानी जंदाहा प्रखंड क्षेत्र में खतरे के निशान से नीचे है। अंचलाधिकारी निशांत कुमार ने बताया कि नदी के जल स्तर में वृद्धि हुई है लेकिन वर्तमान में पानी खतरे के निशान से नीचे है। उन्होंने बताया कि पूर्व में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की टीम के साथ क्षेत्र अंतर्गत वाया नदी के बांधों का किए गए निरीक्षण में क्षतिग्रस्त बांधों को चिन्हित कर मनरेगा योजना से मरम्मत करा दिया गया है। वही नदी में जलस्तर में हो रही वृद्धि को लेकर बांधों पर सतत निगरानी रखी जा रही है।

मालूम हो कि बीते वर्ष बरसात के मौसम में क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर वाया नदी की बांध क्षतिग्रस्त हो जाने से वाया नदी का पानी कई गांवों में घुस गया था। जिससे लोगों को बाढ़ की विभीषिका झेलना पड़ा था। मालूम हो गत 2 जून को पातेपुर विधायक लखेंद्र पासवान के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम ने क्षतिग्रस्त वाया नदी के बांधों का निरीक्षण कर जायजा लिया था। इस दौरान क्षतिग्रस्त बांधों को चिन्हित कर मनरेगा योजना से अतिशीघ्र मरम्मत कराए जाने का निर्देश दिया गया था। क्षतिग्रस्त बांधों के रूप में लक्ष्मीपुर बरबट्टा पंचायत के घोपा घाट से मिश्रौलिया एवं भथाही तक चिन्हित किए गए। इसके साथ ही छह स्थानों पर क्षतिग्रस्त वाया नदी बांध का मरम्मत मनरेगा योजना से कराया जा चुका है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार वाया नदी के जलस्तर में हो रहे लगातार वृद्धि को लेकर स्थानीय लोग भयभीत है। वही जानकारी के अनुसार लक्ष्मणपुर के समीप वाया नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण वाया नदी की पानी पक्की सड़क पर आ जाने की चर्चा है।

बिदुपुर : प्रखंड क्षेत्र के चंवर में लगभग दो माह से जल जमाव से खरीफ की बोआई प्रभावित होने के साथ ही रबी की बोआई भी प्रभावित होने की आशंका है। कई नहरों के सरकारी भूमि का अतिक्रमण किण् जाने के कारण जल निकासी नही हो पा रहे है। इसका खामियाजा बिदुपुर, हाजीपुर एवं राजापाकर प्रखंड के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। जल जमाव से सैकड़ो एकड़ की केला बगान बर्बाद हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि दाउदनगर, मनियारपुर एवं गंगटा नहर का अतिक्रमण मुक्त कराकर प्रशासन उनका जीर्णोद्धार करा दे तो जल निकासी तुरंत सकता है। इससे हजारो एकड़ भूमि आबाद हो जाएगा और खेती की भूमि योग्य मिल जाएगी।

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