जर्जर सड़क से होकर छठव्रती व श्रद्धालु पहुंचेंगे नारायणी के पवित्र घाटों पर

जागरण संवाददाता हाजीपुर हाजीपुर का एसडीओ रोड। दो दशक पहले तक इस मार्ग पर घर हो

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:39 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:39 PM (IST)
जर्जर सड़क से होकर छठव्रती व श्रद्धालु पहुंचेंगे नारायणी के पवित्र घाटों पर
जर्जर सड़क से होकर छठव्रती व श्रद्धालु पहुंचेंगे नारायणी के पवित्र घाटों पर

जागरण संवाददाता, हाजीपुर :

हाजीपुर का एसडीओ रोड। दो दशक पहले तक इस मार्ग पर घर होना गर्व की बात होती थी। आज शहर का यह वीआइपी मार्ग अपने हाल पर आंसू बहा रहा है। जल-जमाव एवं जर्जर सड़क पहचान बन चुकी है। करीब पांच दशक पूर्व जब हाजीपुर अनुमंडल हुआ करता था तब इस मार्ग पर एसडीओ का आवास होने को लेकर मार्ग का नाम एसडीओ रोड पड़ा। वर्ष 1972 में वैशाली के जिला बनने के बाद एसडीओ आवास के समीप ही डीएम, एसपी, जिला जज एवं सिविल सर्जन का आवास बना। मार्ग की बदहाली को लेकर पूर्व के वर्षों में हुक्मरानों ने रास्ता ही बदल लिया। इधर, बिहार के पूर्व मंत्री रहे राजेंद्र राय ने तो अपना बना-बनाया गेट ही बंद कर दिया। दूसरा रास्ता बनाकर मार्ग ही बदल लिया। सड़क की जर्जर स्थिति एवं जल-जमाव समेत कई अन्य समस्याओं से मार्ग पर रहने वाले लोग जूझ रहे हैं।

मोड़ पर पहुंचते ही बदहाली बयां कर रही कहानी

एसडीओ रोड मोड़ पर पहुंचते ही मार्ग की बदहाली अपनी कहानी बयां करने लगती है। मोड़ पर ही बिहार के पूर्व मंत्री राजेंद्र राय का आलीशान मकान है। यहां चारों ओर सड़क किनारे गाय-भैंस बंधे हुए। पशुओं का मल-मूत्र सड़क तक बिखरा हुआ। सड़कें टूटी हुई। गड्ढों में बारिश का पानी जमा हुआ। नालों से गंदा पानी ओवर-फ्लो होकर सड़क पर। मोड़ पर ही बिहार के पूर्व मंत्री राजेंद्र राय का आवास है। अब यहां नर्सिंग ट्रेनिग स्कूल का बोर्ड लगा है। यहां बड़ा ही हैरतअंगेज ²श्य देखने को मिला। मार्ग की बदहाली से तंग आकर पूर्व मंत्री ने अपने गेट को ही हमेशा-हमेशा के लिए बंद कर दिया है। दूसरी ओर से उन्होंने गेट खोल लिया है।

जिला पशु अस्पताल के सामने मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे

एसडीओ रोड मोड़ से थोड़ा ही आगे बढ़ने पर जिला पशु अस्पताल है। यहां भी मार्ग अपना गड्ढों में तब्दील। वहीं नाला का गंदा पानी ओवर-फ्लो होकर सड़क पर बहता दिखा। सामने आलीशान मकान बने हैं। खूबसूरती मार्ग की बदहाली बिगाड़ रही है। पशु अस्पताल में आने-जाने वाले लोग भी परेशान। थोड़ी सी ज्यादा बारिश होने पर अस्पताल में जल-जमाव के बीच जाना मुश्किल। स्थानीय लोगों का कहना था कि मार्ग पर चार से पांच फीट तक पानी लग जाता है। तब नाले का पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर जाता है। मार्ग पर महुआ मोड़ तक इसी तरह का ²श्य अपनी बदहाली की कहानी बयां कर रही थी।

महुआ मोड़ पर गड्ढों में लोग ढूंढ रहे हैं सड़क

महुआ मोड़ पर दिवंगत वरिष्ठ अधिवक्ता बिपिन कुमार सिंहा का मकान। मुख्य सड़क पर चारों ओर सड़क टूटी हुई और गड्ढों में पानी। इसी के बीस मार्ग पर लोग बड़ी मुश्किल से आते-जाते दिखे। यहां से एक सड़क जौहरी बाजार को जाती है। सड़क अपना अस्तित्व करीब-करीब खो चुकी है। गड्ढे एवं जल-जमाव के बीच लोग आ-जा रहे हैं। मार्ग इतना संकीर्ण की एक कार के घुस जाने पर जाम। नाले बने हैं पर भरे हुए। वहीं दूसरी ओर मार्ग का भी हाल वही। सड़क काफी जर्जर हो चुकी है। सड़क के बीचोबीच यहां नाले का निर्माण कराया गया है। स्लैब टूट चुके हैं और अक्सर लोग नाले में गिरकर घायल हो रहे हैं।

जीएचई स्कूल मोड़ तक पूरे मार्ग पर गड्ढे ही गड्ढे

महुआ मोड़ के आगे एसडीओ रोड मुख्य मार्ग पर जीएचई स्कूल मोड़ तक सड़क जगह-जगह टूटी हुई है। नाला अपना अस्तित्व करीब-करीब खो चुका है। अधिकतर जगहों पर नाले का गंदा पानी ओवर-फ्लो करके सड़क पर बह रहा है। इस मार्ग पर कई स्कूल भी हैं। स्कूल के बच्चे सड़क पर बह रहे नाले के गंदे पानी के बीच होकर गुजरने को मजबूर हैं। मार्ग पर अक्सर लोग हादसे के शिकार होते रहते हैं। लोग कहते हैं कि मार्ग की बदहाली को लेकर अफसरों ने रास्ता ही बदल लिया पर वे लोग कहां जाएं ?

नारायणी के घाटों को जाने का यही है मुख्य मार्ग नारायणी नदी के करीब आधा दर्जन घाटों को जाने का एसडीओ रोड ही मुख्य मार्ग है। इस मार्ग से होकर छठ में हजारों की संख्या में श्रद्धालु एवं छठव्रती पैदल नंगे पांव घाटों पर जाते हैं। पूरे मार्ग पर गड्ढों एवं फैले कंकड़-पत्थर के बीच श्रद्धालुओं के जाने की मजबूरी होगी। डीएम उदिता सिंह ने तो तीन माह पूर्व ही जर्जर सड़कों की मरम्मत कराने का निर्देश विभागीय अभियंताओं को दिया था पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। छठ तक मरम्मति हो पाएगी या नहीं इस पर संशय की स्थिति है क्योंकि लोक आस्था के महापर्व छठ को शुरू होने में अब महज 16 दिन ही शेष है।

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