त्रिपिटक पाठोत्सव: बौद्ध धर्मावलंबियों ने विनय पिटक का किया पाठ

ुुुवैशाली के रैलिक स्तुप में आज दूसरे दिन त्रिपिटक चाँटिग में विनय पिटक अंतर्गत वैशाली से सम्बंधित शुत्रो का पाठ किया गया ।विभिन्न देशों के भिक्षुओं ने अपने अपने भाषा में इसका पाठ किया ।अंतमें इससे सम्बंधित धम्मदेशना का उद्बोधन किया गया ।कार्यक्रम के अंतिम सत्र में विनय पिटक में वैशाली के संदर्भ में भगवान बुद्ध द्वारा दिये गए आदर्श उपदेश पर प्रकाश डाला गया ।इस सत्र में इस आयोजन के मुख्य कार्यकारी वांगमो दिक्षे नादिया लींन विवत्ता वत्रा भीखूनि की प्रधान भिक्षुणी सबों ने आज किये गये पाठ की समीक्षा की ।तथा अपने विचारों से उपस्थित प्रतिभागियों को अवगत कराया।साथ ही जीवन मानव विनयी बनने का निवेदन किया।अंत में वेनरेवल डॉ पी सी चंदा श्री उपाध्यक्ष ढ्ढञ्जष्टष्ट ने अपने वक्तब्य के साथ विराम दिया ।इस अवसर स्थानीय डॉ राम नरेश राय के अतिरिक्त अन्य लोगों लोगों ने भी इस विनय पिटक पाठ एवं धम्म देशना का श्रवण किया।आज का आकर्षण रहा छोटे बच्चों द्वारा शुत्रो का पाठ ।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 11:16 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 11:16 PM (IST)
त्रिपिटक पाठोत्सव: बौद्ध धर्मावलंबियों ने विनय पिटक का किया पाठ
त्रिपिटक पाठोत्सव: बौद्ध धर्मावलंबियों ने विनय पिटक का किया पाठ

संवाद सूत्र, वैशाली :

वैशाली में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक उत्सव के दूसरे दिन शांति स्तूप परिसर में विनय पिटक का पाठ किया गया। बौद्ध धर्मावलंबियों ने वैशाली से सम्बंधित सूत्रो का पाठ किया। विभिन्न देशों के भिक्षुओं ने अपनी-अपनी भाषा में इसका पाठ किया। अंत में इससे संबंधित धम्मदेशना का उद्बोधन किया गया।

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में विनय पिटक में वैशाली के संदर्भ में भगवान बुद्ध द्वारा दिये गए आदर्श उपदेश पर प्रकाश डाला गया। इस सत्र में इस आयोजन के मुख्य कार्यकारी, वांगमो डिक्सी, नादिया लींन, विवत्ता वत्रा भक्खुनी की प्रधान भिक्षुणी सबो ने मंगलवार को किए गए पाठ की समीक्षा की। साथ ही अपने विचारों से उपस्थित लोगों को अवगत कराया। उन्होंने मानव जीवन को विनयशील बनाने का निवेदन किया। अंत में थाई वट मंदिर के डॉ. पी सी चंदा श्री ने अपना संबोधन दिया।

इस अवसर स्थानीय डॉ राम नरेश राय के अतिरिक्त अन्य लोगों ने भी इस विनय पिटक पाठ एवं धम्म देशना का श्रवण किया। आज का सबसे बड़ा आकर्षण छोटे-छोटे बच्चों द्वारा सूत्रों का पाठ रहा।

chat bot
आपका साथी