बाढ़ क्षति आकलन में केला, पपीता, आम, लीची, सब्जी सहित अन्य फसलों को भी शामिल करें : प्रभारी मंत्री

जागरण संवाददाता हाजीपुर ग्रामीण कार्य विभाग सह जिला प्रभारी मंत्री जयंत राज ने स्थानीय समाह

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 11:33 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 11:33 PM (IST)
बाढ़ क्षति आकलन में केला, पपीता, आम, लीची, सब्जी सहित अन्य फसलों को भी शामिल करें : प्रभारी मंत्री
बाढ़ क्षति आकलन में केला, पपीता, आम, लीची, सब्जी सहित अन्य फसलों को भी शामिल करें : प्रभारी मंत्री

जागरण संवाददाता, हाजीपुर :

ग्रामीण कार्य विभाग सह जिला प्रभारी मंत्री जयंत राज ने स्थानीय समाहरणालय सभागार में जिले में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से हुई क्षति को लेकर समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने जिले में हुए फसल क्षति का आकलन करते समय उसमें केला, पपीता, आम, लीची, सब्जी एवं अन्य फसलों को भी शामिल करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिले में वैसे क्षेत्र जहां किसान फसल नहीं लगा पाए हैं और वह क्षेत्र जलमग्न हो गया है, इसका भी आकलन करें। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों से पानी हटते ही उसका पुनस्र्थापन कराने की कार्रवाई करें, ताकि वह चलने लायक हो सके और आवागमन में कोई असुविधा नहीं हो। वहीं उन्होंने कहा कि जिले के विधायकों से परामर्श लेकर एवं समन्वय स्थापित कर सभी कार्यो को पूरा कराने में तेजी लाएं तथा नल जल योजना में जहां-जहां जलापूर्ति बाधित है, शीघ्र इसका प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं।

बैठक में शामिल वैशाली विधायक सिद्धार्थ पटेल ने कहा कि बाढ़ और भारी बारिश से वैशाली, पटेढ़ी बेलसर और गोरौल आदि प्रखंडों में किसानों की व्यापक क्षति हुई है। उन्होंने यहां के ऐतिहासिक स्थलों पर जल-जमाव नहीं हो इसकी समुचित ठोस व्यवस्था कराने का भी अनुरोध किया। महुआ विधायक डा. मुकेश रौशन एवं राजापाकर विधायक प्रतिमा कुमारी ने अपने क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित घोषित करने की मांग की। इस मौके पर मंत्री ने कोरोना संक्रमण से 8 मृतकों के स्वजनों को 4-4 लाख रुपये का चेक दिया।

बैठक में डीएम उदिता सिंह ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिले में बाढ़ राहत कार्यों की जानकारी दी। डीएम ने बताया कि लगातार बारिश, यास तूफान और नदियों के जलस्तर में वृद्धि से जिला में 13 प्रखंडों के 29 पंचायत पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित हुए हैं। जबकि 62 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हैं। राघोपुर प्रखंड की सभी 21 पंचायतें पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित है। इस दौरान जिले की कुल 4,34,062 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। इस बार बाया नदी भी काफी असर डाली है, जिसके कारण भगवानपुर, पटेढ़ी बेलसर, वैशाली, गोरौल, लालगंज, महुआ, राजापाकर आदि प्रखंड प्रभावित हुए हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 155 जगहों पर सामुदायिक किचन चलाकर बाढ़ प्रभावित परिवारों को भोजन उपलब्ध कराया गया है, जिससे 19,98,603 व्यक्ति लाभान्वित हुए हैं। जिला में 213 नावों का परिचालन कराया गया है, अभी भी 64 नाव चलाई जा रही है। सबसे अधिक 88 नाव राघोपुर प्रखंड में चलाए गए। जिला में कुल 7 राहत केंद्र बनाए गए जिसमें 4 राघोपुर तथा एक-एक बिदुपुर, देसरी और महनार में है। बाढ़ प्रभावित लोगों की देखभाल के लिए 247 स्वास्थ्य केंद्र चलाकर कुल 13,207 लोगों का इलाज तथा 41,935 हेलोजेन टैबलेट वितरित किए गए।

जल जमाव वाले क्षेत्र में 509 किलोग्राम ब्लिचिग पाउडर का छिड़काव किया गया। बाढ़ प्रभावित पशुओं की देखभाल के लिए 27 पशु कैंप चलाए गए, जहां 8224 पशुओं का उपचार किया गया। जिले में 9 पशु मृत प्रतिवेदित हैं, जिसमें 8 का सहायता अनुदान का भुगतान कर दिया गया और एक की भुगतान प्रक्रिया की जा रही है। राघोपुर प्रखंड में 6000 तथा बिदुपुर प्रखंड में 875 फूड पैकेट्स का वितरण किया गया। इसके अतिरिक्त बच्चों को सुधा दूध पाउडर भी दिए गए है। अभी तक 14,284 पालीथीन शीट्स का वितरण किया गया है।

बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि 60,741 हेक्टेयर भूमि में कृषि कार्य एवं फसल क्षति का आकलन किया गया है। उप विकास आयुक्त विजय प्रकाश मीणा ने बताया कि मनरेगा योजना एवं अन्य विभागों से 93 जगहों पर बांध मरम्मत कार्य कराया गया। अभी तक 6 लोगों के डूबने की सूचना प्राप्त हुई है, जिसमें सभी के स्वजनों को 4 लाख की दर से राशि का भुगतान किया गया है। वहीं बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों एवं जलापूर्ति योजनाओं की भी जानकारी दी गई। बैठक में पुलिस कप्तान मनीष, एडीएम जितेंद्र कुमार साह, सभी एसडीओ, डीसीएलआर, सिविल सर्जन, विभागों के अभियंता, सीओ समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। डीएम ने कहा कि बैठक में सामने आई सभी बिदुओं पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।

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