बाबा हरिहरनाथ मंदिर में बिना उपस्थिति के भी गोत्र और नाम के जरिए होगी उपस्थिति

इस वर्ष सावन माह में बाबा हरिहर नाथ के दरबार में बिना उपस्थित होते हुए भी आपके गोत्र और नाम के जरिए आपकी उपस्थिति होगी। यह व्यवस्था मंदिर के पंडा-पुजारियों ने की है। सावन में प्रसिद्ध बाबा हरिहर नाथ पर जल अर्पण की मंशा इस बार भी शिव भक्तों के मन में ही रह जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 10:48 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 10:48 PM (IST)
बाबा हरिहरनाथ मंदिर में बिना उपस्थिति के भी गोत्र और नाम के जरिए होगी उपस्थिति
बाबा हरिहरनाथ मंदिर में बिना उपस्थिति के भी गोत्र और नाम के जरिए होगी उपस्थिति

संवाद सहयोगी, सोनपुर :

इस वर्ष सावन माह में बाबा हरिहर नाथ के दरबार में बिना उपस्थित होते हुए भी आपके गोत्र और नाम के जरिए आपकी उपस्थिति होगी। यह व्यवस्था मंदिर के पंडा-पुजारियों ने की है। सावन में प्रसिद्ध बाबा हरिहर नाथ पर जल अर्पण की मंशा इस बार भी शिव भक्तों के मन में ही रह जाएगी। कोविड-19 से सुरक्षा के मद्देनजर सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखा गया है। गौरतलब है कि गत वर्ष सावन माह में भी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर आम भक्तों के लिए मंदिर का पट बंद कर दिया गया था। परिणाम स्वरूप कांवरियों की कौन कहे स्थानीय भक्त भी बाबा हरिहरनाथ का जलाभिषेक नहीं कर सके थे। इस वर्ष भी यही स्थिति है, लेकिन श्रद्धालुओं को निराश होने की जरूरत नहीं। मंदिर के पंडा-पुजारियों ने श्रावणी मास में अपने यजमानों तथा आमभक्तों के लिए ऐसी व्यवस्था की है कि मंदिर आये बिना भी उनकी प्रार्थना बाबा के दरबार तक पहुंच जायेगी। मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सुशील चंद्र शास्त्री तथा पुजारी बमबम बाबा ने बताया कि भक्त अपना नाम तथा गोत्र आदि मोबाइल पर भेज देते हैं तब इसी आधार पर राम नाम लिखा बेल पत्र बाबा हरिहर नाथ को अर्पित कर दिया जाएगा। इस पुण्य का लाभ भक्तों को प्राप्त होगा। मंदिर के सभी पंडा-पुजारियों ने अपने-अपने यजमानों के अलावा अन्य श्रद्धालुओं के लिए भी इस वर्ष पूरे सावन माह तक यह व्यवस्था की है। मालूम हो कि श्रावणी मास के दौरान यहां बिहार के विभिन्न जिलों से आए कांवरियों की भारी भीड़ उमड़ती है। यहां के पहलेजाघाट धाम से दक्षिणमुखी पावन गंगा का जल लेकर शिव भक्त लगभग 65 किलोमीटर की दूरी तय करते मुजफ्फरपुर गरीब स्थान पहुंच कर जल अर्पण करते हैं। इसके पहले कांवरियों की भीड़ बाबा हरिहर नाथ का जलाभिषेक करती है। पूरे सावन भर पहलेजाघाट से लेकर बाबा हरिहरनाथ तक भक्तों का तांता लगा रहता है परंतु कोरोना के कहर ने न केवल कितने लोगों की जिदगी ले ली बल्कि रोजी-रोजगार तथा कारोबार को रौंदते हुए धार्मिक स्थलों को भी बंद रखने पर विवश कर दिया।

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