सहदेई के महावीर चौक पर जलजमाव से नाराज लोगों ने किया प्रदर्शन

वैशाली। सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के बाजार स्थित महावीर चौक पर पीएचइडी की लापरवाही के कारण

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Dec 2020 11:38 PM (IST) Updated:Sat, 12 Dec 2020 11:38 PM (IST)
सहदेई के महावीर चौक पर जलजमाव से नाराज लोगों ने किया प्रदर्शन
सहदेई के महावीर चौक पर जलजमाव से नाराज लोगों ने किया प्रदर्शन

वैशाली। सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के बाजार स्थित महावीर चौक पर पीएचइडी की लापरवाही के कारण लगातार पानी के बहने से हुए जलजमाव से आक्रोशित स्थानीय दुकानदारों ने प्रदर्शन करते हुए इस स्थिति के लिए जिम्मेवार पीएचईडी के संवेदक एवं पदाधिकारियों के विरुद्ध करवाई करने एवं जलजमाव से निजात दिलाने की मांग की है।

स्थानीय लोग बताते हैं कि सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के सहदेई बुजुर्ग बाजार स्थित महावीर चौक पर पीएचईडी की लापरवाही के कारण रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। बताया गया कि यहां पाइप लाइन महीनों से क्षतिग्रस्त है। जिस कारण यहां पंप हाउस के चालू होते ही लगातार पानी बहने लगता है। जिससे जलजमाव की स्थिति पैदा होती है। इससे स्थानीय दुकानदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रदर्शन कर रहे दुकानदार विष्णु महतो, रामप्रवेश राय, सरोज कुमार, सोनी राय, विश्वनाथ महतो, जितेन्द्र मांझी, विकास कुमार, पवन कुमार, राहुल कुमार, छोटू कुमार एवं राकेश कुमार साह के अनुसार शिकायत के बावजूद इसे लेकर कोई करवाई नहीं की गई।

जलजमाव से आक्रोशित होकर स्थानीय दुकानदारों ने पीएचईडी के अधिकारियों एवं संवेदक के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे दुकानदारों ने जलजमाव से निजात दिलाने एवं इस स्थिति के लिए जिम्मेवार लोगों के विरुद्ध करवाई की मांग कर रहे थे। गौरतलब हो कि सहदेई बुजुर्ग प्रखंड मुख्यालय परिसर में वर्ष 2010 में 1 करोड़ 35 लाख रुपये की लागत से सोलर प्लेट से पंप हाउस को चालू किया गया था। इस जलमीनार की नींव लगभग 20 वर्ष पूर्व तत्कालीन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री मुंशीलाल राय ने रखी थी। इसका उद्देश्य प्रखंड मुख्यालय से आसपास के गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराना था। लेकिन अपने उद्देश्य में पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ।

विभागीय लापरवाही की हद तो यह है कि आज तक पंप हाउस को संचालित करने के लिए एक स्थायी ऑपरेटर तक की तैनाती नहीं की गई है। लेकिन इतना जरूर हुआ कि इससे पानी की बर्बादी जरूर होती है। बताया गया कि कई जगहों पर लगे नल में टैप तक नहीं लगा है। जिस संवेदक को रख-रखाव का कार्य विभाग ने सौंपा था, वह केवल कागजी खानापूर्ति ही कर रहा है। साथ ही विभाग के जिम्मेवार अधिकारी का लापरवाह रवैया भी पानी की बर्बादी के लिए जिम्मेवार है।

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