हाजीपुर एचडीएफसी बैंक के 14.04 लाख और बरामद

वैशाली। हाजीपुर शहर के जढुआ स्थित एचडीएफसी बैंक से दस दिन पूर्व दिनदहाड़े लूटे गए 1 कर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 11:41 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 11:41 PM (IST)
हाजीपुर एचडीएफसी बैंक के 14.04 लाख और बरामद
हाजीपुर एचडीएफसी बैंक के 14.04 लाख और बरामद

वैशाली। हाजीपुर शहर के जढुआ स्थित एचडीएफसी बैंक से दस दिन पूर्व दिनदहाड़े लूटे गए 1 करोड़ 19 लाख 60 हजार रुपये में 14 लाख 4 हजार 500 रुपये और बरामद कर लिया गया। इसके साथ ही लूट की इस बड़ी वारदात में अब तक कुल 1 करोड़ 2 लाख 72 हजार रुपये बरामद कर लिया जा चुका है। इस मामले में अभी तक कुल 10 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें लूट की घटना को अंजाम देने वाले तीन लुटेरे भी शामिल हैं। जिले की सबसे बड़ी बैंक लूटकांड का उद्भेदन कर लूट की राशि के साथ लुटेरों की गिरफ्तारी में सदर एसडीपीओ राघव दयाल के नेतृत्व में गठित एसआईटी की बड़ी भूमिका है। इस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है। पुलिस अधीक्षक मनीष ने सोमवार को अपने कार्यालय कक्ष में बुलाए गए प्रेस कांफ्रेंस में लूटकांड का पर्दाफाश करते हुए बताया कि अभी फिलहाल इस घटना में मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के सहदुल्लापुर गांव से मुकेश राम पिता जगन राम तथा मुकेश राम की पत्नी मनीषा देवी को पकड़ा गया है। इसमें मुकेश राम के पास से 10 लाख रुपये तथा एक बाइक बरामद की गई है। वहीं उसकी पत्नी मनीषा देवी के पास से 4 लाख 4 हजार 500 रुपये के साथ एक देशी कट्टा और दो कारतूस भी बरामद किया गया है। मनीषा देवी की गिरफ्तारी वैशाली जिले के बलिगांव थाना क्षेत्र में बेला आदम गांव स्थित उसके मायके से किया गया है।

एसपी ने बताया कि एचडीएफसी बैंक से लूटे गए 1 करोड़ 19 लाख 60 हजार रुपये में से 1 करोड़ 2 लाख 72 हजार रुपये बरामद कर लिए गए हैं, जबकि लूट में शामिल तीन लुटेरे सहित 10 लुटेरों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़ाए बदमाशों में गिरोह का सरगना और तीन महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि घटना का उद्भेदन और लूट की रकम समेत लुटेरों की गिरफ्तारी में सफलता पाने के लिए एसआईटी के सदर एसडीपीओ राघव दयाल, प्रशिक्षु डीएसपी प्रदीप कुमार, विप्लव कुमार, राजेश कुमार, सुशील कुमार एवं कुमारी दुर्गा शक्ति, नगर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह, आसूचना पुलिस निरीक्षक प्रशांत कुमार, गंगाब्रिज थानाध्यक्ष सुनील कुमार, बिदुपुर थानाध्यक्ष धनंजय पांडेय, नगर थाना एसआइ सुनील कुमार, आसूचना इकाइ के एसआइ विनय प्रताप सिंह, रामकृष्ण परमहंस, रविकांत पाठक, अभिषेक त्रिपाठी, प्रवीण कुमार तथा आरक्षी ज्ञानशंकर तिवारी को पुरस्कृत किया जा रहा है तथा पुलिस मुख्यालय को भी प्रस्ताव भेजा जा रहा है।

दस जून को महज चार मिनट में लूटे थे 1.20 करोड़ रुपये

हाजीपुर नगर थाना क्षेत्र के जढ़ुआ स्थित एचडीएफसी मेन ब्रांच से गत 10 जून को बैंक खुलते ही करीब 10.30 बजे पांच हथियारबंद लुटेरों ने महज चार मिनट के अंदर ही 1 करोड़ 19 लाख 60 हजार 777 रुपये लूट कर फरार हो गए थे। इस घटना को लेकर हाजीपुर नगर थाने में कांड संख्या 458 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके साथ ही इसी तरह की शैली से वैशाली, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर जिले में चार बैंक लूट की घटनाओं को अंजाम दिया गया था। इसके उद्भेदन में सदर एसडीपीओ राघव दयाल के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया था। राज्यस्तर से भी उच्चस्तरीय टीम इसको लेकर कार्रवाई और छापेमारी की मानिटरिंग कर रही थी। टीम की पहली ही छापेमारी में अजमेरी खातून पति मो. अरमान को केशोपुर सकरा स्थित घर से 4 लाख रुपये के साथ पकड़ लिया गया। इसके बाद निशानदेही पर सरगना मो. अरमान के अलावा मो. खुर्शीद, पिता मो. मुस्लिम और मो. शौकत पिता मो. अलाउद्दीन के नवादा कलां हाजीपुर स्थित घर से 50-50 हजार रुपये बरामद किए गए। वहीं लगातार खुलती गई परत-दर-परत खुलासे से बड़ी सफलता हाथ लगी। पहली ही छापेमारी में 88 लाख 68 हजार रुपये सहित पकड़े गए थे आठ लुटेरे

जागरण संवाददाता, हाजीपुर : जढ़ुआ एचडीएफसी बैंक में पति-पत्नी ने रेकी कर लूट की घटना को अंजाम दिया था। इसको लेकर गठित एसआइटी ने एक सप्ताह के अंदर ही लूट की रकम में से 88 लाख 67 हजार 500 रुपये बरामद करने में सफलता पाई थी। इसके साथ ही लुटेरा गिरोह के आठ बदमाशों को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया था। पकड़े गए बदमाशों के पास से लूट के दौरान प्रयोग में लाए गए 2 पिस्टल, 13 कारतूस और 3 बाइक भी बरामद किए गए थे। गिरोह के पास से हाजीपुर एचडीएफसी बैंक के 88 लाख 67 हजार 500 रुपये के साथ ही समस्तीपुर केनरा बैंक से लूटे गए 4 लाख 52 हजार रुपये सहित कुल 93 लाख 19 हजार 500 रुपये बरामद किए गए थे। पकड़े गए आठ बदमाशों में तीन वह भी शामिल थे जिसने बैंक लूट को अंजाम दिया था। उन्हे उन्हीं कपड़ों में पकड़ा गया जो घटना के समय पहने थे। साथ ही वह बैग भी बरामद कर लिया गया, जिसमें बैंक से लूटे गए रुपये भरकर ले गए थे। ऐसा बैंक में लगे सीसी कैमरे के फुटेज के आधार पर संभव हो सका। पुलिस ने पकड़े गए बदमाशों से फुटेज का भी मिलान किया है।

मालूम हो कि इस बड़ी बैंक लूट का मास्टर माइंड मुजफ्फरपुर सकरा थाने के केशोपुर गांव का मो. अरमान था। उसने ही अपनी पत्नी अजमेरी खातून के साथ जढ़आ बैंक पहुंच पहले इसकी रेकी की थी। अरमान ही इस गिरोह का सरगना था। इस संबंध में अहम सुराग मिलने के बाद एसआइटी ने इस दोनों पति-पत्नी को लूट की रकम के साथ पकड़ने में सफलता पाई। इसके बाद एक-एक कर गिरोह के अन्य बदमाश भी पुलिस की गिरफ्त में आते चले गए और उनके पास से लूट की रकम और हथियार भी बरामद किए गए। पकड़ाए बदमाशों के साथ तीन महिलाएं भी पुलिस गिरफ्त में आ गई, जिसने बदमाशों को संरक्षण देने के साथ ही लूट की रकम को छुपाने का काम किया था। लुटेरा गिरोह सरगना सहित आठ बदमाशों को पहले ही पकड़ा

एसआइटी की पहली कार्रवाई में गिरोह सरगना मो. अरमान पिता- मो. लतीफ, उसकी पत्नी अजमेरी खातून पति- मो. अरमान, दोनों केशोपुर, थाना-सकरा, जिला मुजफ्फरपुर, मो. खुर्शीद पिता- मो. मुस्लिम और मो शौकत पिता- मो. अलाउद्दीन, दोनो नवादा कलां, थाना-गंगाब्रिज, जिला वैशाली, मो. आलीम पिता अब्दुल हकीम, बरियारपुर बहादुरपुर, थाना-सकरा, ओम प्रकाश पिता जगन्नाथ सिंह और आशा देवी पति सुरेश भगत उर्फ सुरेश सिंह, दोनों सहदुल्लापुर, थाना सकरा, जिला मुजफ्फरपुर तथा राजीव कुमार उर्फ बुल्ला पिता विश्वनाथ दास, गांव चंपापुर, थाना-बलिगांव, जिला वैशाली को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार आशा देवी घटना में फरार लुटेरे इंद्रसेन कुमार की मां है। गिरोह का एक अन्य बदमाश प्रभात कुमार उर्फ गोलू पिता पप्पू सिंह, केशोपुर सिमरी, सकरा मुजफ्फरपुर अभी फरार है। इनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। अरमान और ओमप्रकाश पहले भी बैंक लूट में रहा है शामिल

बताते हैं कि सरगना मो. अरमान और ओमप्रकाश पहले भी कई बैंक लूटकांड समेत अन्य आपराधिक वारदात में शामिल रहा है। इनमें अरमान के खिलाफ मुजफ्फरपुर के सकरा थाने में 18 जनवरी 2021 को कांड संख्या 61 के तहत धारा 399, 400, 402 भादवि और 25-1 बी, 26 एवं 35 आ‌र्म्स एक्ट का मामला दर्ज है। वहीं ओम प्रकाश के विरुद्ध सकरा थाने में 3 फरवरी 2021 को कांड संख्या 86 के तहत धारा 414 भादवि और 25-1 बी, 26 एवं 35 आ‌र्म्स एक्ट का मामला दर्ज है। उन्होंने बताया कि इन दोनों ने ही मिलकर जेल से गिरोह तैयार किया था। जेल से बाहर आने के बाद इसने अन्य को साथ लेकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया। गिरोह में छह सक्रिय सदस्यों का पता चला है जिसने कई जगह बैंक लूटकांड की घटनाओं को अंजाम दिया है। इसमें इंद्रसेन और प्रभात उर्फ गोलू भी शरीक रहा है, लेकिन अभी दोनों पुलिस पकड़ से बाहर है।

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