हौसले को सलाम::::: प्रतिबद्धता के साथ कोरोना की जंग में डटे हैं अभिलाष

सुपौल। कोरोना महामारी से छिड़ी घमासान जंग में एक योद्धा की तरह सदर अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंध

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 06:17 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 06:17 PM (IST)
हौसले को सलाम::::: प्रतिबद्धता के साथ कोरोना की जंग में डटे हैं अभिलाष
हौसले को सलाम::::: प्रतिबद्धता के साथ कोरोना की जंग में डटे हैं अभिलाष

सुपौल। कोरोना महामारी से छिड़ी घमासान जंग में एक योद्धा की तरह सदर अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक अभिलाष कुमार वर्मा प्रतिबद्धता, परिपक्वता व जुनून के साथ मोर्चा संभाले हुए हैं। इस संकट की घड़ी में जहां लोगों के घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी है वहीं अभिलाष जान की प्रवाह किए बिना दूसरों के जीवन को बचाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। वे कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के बाबत अस्पताल में डॉक्टर व स्टाफ की ड्यूटी, ऑक्सीजन सप्लाई, दवाई, साफ-सफाई आदि कार्य काफी मुस्तैदी से देखते हैं। वहीं स्वस्थ हुए कोरोना के मरीज को एंबुलेंस से घर भेजने से लेकर शव को मुक्तिधाम भेजने की व्यवस्था में भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते। वे अस्पताल में हर वक्त चक्कर लगाते रहते हैं ताकि किसी मरीज को कोई दिक्क्तों का सामना न करना पड़े। समय-समय पर वे कोविड वार्ड में जाकर कोरोना मरीजों का हालचाल जानते हैं और उनकी समस्या का निदान करते हैं। अगर आधी रात को भी कोरोना मरीज के बाबत कहीं से सूचना आती है तो एंबुलेंस भेजकर वहां से मरीज को मंगा उसे कोविड वार्ड में भर्ती करते हैं। अभिलाष का कहना है कि सेवा ही तो धर्म है। विपरीत परिस्थितियों के बीच भी अस्पताल आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवा रहे हैं। यहां आने वाले मरीजों को इस अस्पताल से बेहतर इलाज की उम्मीद है। हमें मालूम है कि कोरोना संक्रमण काफी खतरनाक है, लेकिन हम यहां आने वालों की उम्मीद नहीं टूटने देंगे। मरीजों को समय पर इलाज करवा उनकी जान बचाना ही हम सबों का उद्देश्य है। इसी उद्देश्य के खातिर घर वालों से दूरियां बना ली गई है। अभिलाष फिलहाल अपनी मां के साथ रहते हैं। जब वे अपने घर जाते हैं तो अलग कमरे में ही रहते हैं ताकि मां सुरक्षित रहे। कोरोना के जिस माहौल में अभिलाष जैसे लोग काम कर रहे हैं उसकी जितनी सराहना की जाय कम है।

chat bot
आपका साथी