भूकंप है प्राकृतिक खतरा, सावधान रहकर करना चाहिए बचाव
सुपौल। जिले में 15 से 21 जनवरी तक चलाए जा रहे हैं भूकंप सुरक्षा सप्ताह के तहत गुरुवार को स
सुपौल। जिले में 15 से 21 जनवरी तक चलाए जा रहे हैं भूकंप सुरक्षा सप्ताह के तहत गुरुवार को सदर प्रखंड परिसर स्थित टीसीपी भवन में आपदा प्रबंधन द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन विनोद कुमार ¨सह, अंचलाधिकारी प्रभास नारायण लाल दास, उप प्रमुख जितेंद्र साह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। अपने संबोधन में अपर समाहर्ता ने कहा कि भूकंप एक प्राकृतिक खतरा है और इससे सावधान रहकर बचाव किया जा सकता है। बोले कि सुपौल जिला भूकंप के जोन 5 में है। भूकंप रोका नहीं जा सकता, बल्कि सावधानियां बरतने पर क्षति को कम किया जा सकता है। आपदा प्रबंधन सुपौल के जिला मुख्य प्रशिक्षक शंभू चौधरी एवं जिला प्रशिक्षक चेत नारायण यादव ने भूकंप सुरक्षा के उपाय पर कार्यशाला में लोगों को अवगत कराया। कार्यशाला में प्रखंड एवं अंचल के सभी कर्मी के अलावा आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षित स्वयंसेवक, मास्टर ट्रेनर आदि मौजूद थे। भूकंप से सुरक्षा के उपाय -भूकंप के लिए हमेशा और हर वक्त तैयार रहना चाहिए। -जैसे ही आपको भूकंप का झटका महसूस हो वैसे ही आप किसी मजबूत टेबल के नीचे बैठ जाए और टेबल के पाया को कसकर पकड़ ले। -यदि आप बिस्तर पर हैं तो वही रहे और उसे कसकर पकड़ ले, अपने सिर पर तकिया रख लें। -घर के मुख्य निकास मार्ग को खाली रखें, ताकि आपदा के वक्त आप आसानी से बाहर निकल सके, बाहर निकलने के लिए लिफ्ट नहीं बल्कि सीढ़ी का प्रयोग करें। -यदि आप बाहर हैं तो किसी खाली स्थान पर चले जाए, यानी मकान, पेड़, बिजली के खंभों से दूर रहे। -यदि उस समय कार चला रहे हैं तो कार धीमी कर खाली स्थान पर रखें तथा झटके खत्म होने तक रुके रहे -हमेशा भूकंप की दृष्टि से मजबूत मकान बनाना चाहिए ताकि भूकंप आने पर घर पर ज्यादा असर नहीं पड़े -पुराने मकानों का सुदृढीकरण स्टील या तार की जाली के पट्टी से करना चाहिए -झोपड़ी नुमा मकान का छत चारों तरफ ढाल वाले बनावें तथा उसके छत पर यदि चदरा चढ़ा दे रहे हैं तो चदरा को जे हुक से कस दें।