सुपौल की खबर.. संयम और जागरूकता से मधुमेह पर पा सकते हैं नियंत्रण

गलत खानपान व रहन-सहन के कारण मधुमेह के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। देश का हर चौथा व्यक्ति डायबिटीज मेलेटस रोग से पीड़ित है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Jun 2021 06:46 PM (IST) Updated:Sat, 26 Jun 2021 06:46 PM (IST)
सुपौल की खबर.. संयम और जागरूकता से मधुमेह पर पा सकते हैं नियंत्रण
सुपौल की खबर.. संयम और जागरूकता से मधुमेह पर पा सकते हैं नियंत्रण

सुपौल। गलत खानपान व रहन-सहन के कारण मधुमेह के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। देश का हर चौथा व्यक्ति डायबिटीज मेलेटस रोग से पीड़ित है। रोग के बढ़ने का मुख्य कारण लोगों में जागरूकता का अभाव है। संयमित जीवन व जागरूक होकर इस रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है। सिमराही स्थित आयुरयोग रिसर्च फाउंडेशन के आयुर्वेद, योग विशेषज्ञ वैद्य रीतेश मिश्र ने उक्त बातें कही।

मधुमेह के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ही प्रत्येक वर्ष 27 जून को विश्व मधुमेह जागृति दिवस मनाया जाता है। योग विशेषज्ञ ने बताया कि मधुमेह मनोकायिक रोग है। इसका असर शरीर व मन पर पड़ता है। यह चयापचय संबंधी बीमारी है। इसमें अग्न्याशय की शिथिलता या निष्क्रियता के कारण इन्सुलिन का उत्पादन प्रभावित हो जाता है। इन्सुलिन हमारे भोजन में लिए गए कार्बोहाइड्रेट के ग्लूकोज को विघटित कर ग्लाइकोज में जमा करता है। शरीर को जब ऊर्जा की आवश्यकता होती है तो पुन: ग्लाइकोज को ग्लूकोज में परिणत करता है। अग्न्याशय में विकृति के कारण यह कार्य प्रभावित होता है जिससे रक्त में शर्करा का भार बढ़ जाता है। आम तौर पर स्वस्थ व्यक्ति में भोजन से पहले 100 एमजी से कम व भोजन के एक से दो घंटा बाद 140 एमजी से कम रक्त शर्करा रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि मधुमेह रोगियों में पेशाब की अधिकता व बार-बार आना, प्यास अधिक लगना व मुंह का सूखना, भूख अधिक लगना, थकान, वजन में कमी, पैरों में दर्द व झुनझुनी, त्वचा में संक्रमण, खुजली एवं मनोदशा में बदलाव आदि लक्षण पाए जाते हैं। इन लक्षणों वाले रोगी को तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर जांच करानी चाहिए। मधुमेह के रोग को नजरअंदाज करने से व्यक्ति में हृदय रोग, किडनी रोग, स्ट्रोक, पैर का अल्स, आंख आदि की गंभीर समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। वैद्य ने बताया कि संतुलित आहार व संयमित जीवन चर्या से न केवल मधुमेह रोग से बचा जा सकता है बल्कि रोग को नियंत्रण में भी रखा जा सकता है। लोगों को जंक फूड, फास्ट फूड, तला-भुना गरिष्ट खाने से परहेज करना चाहिए। ज्यादा मीठा व कोल्ड ड्रिक भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। भोजन में तिक्त व कषाय रस को शामिल करने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। नीम, करेला, जामुन, मेथी का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है। शारीरिक श्रम का संबंध भी मधुमेह रोग से जुड़ा है। ज्यादातर आरामतलबी लोगों में मधुमेह रोग पाया जाता है। इसलिए लोगों को नियमित रूप से शारीरिक श्रम करना चाहिए। सुबह-शाम में 5-6 किलोमीटर टहलना, 45 मिनट का व्यायाम, योग अभ्यास से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। प्रत्येक बार भोजन के बाद कुछ देर तक वज्रासन में बैठने से सही ढंग से भोजन का पाचन व पोषक तत्वों का अवशोषण होता है। वज्रासन में बैठने के लिए दोनों पैर को घुटनों से मोड़कर अंगूठों को आपस में सटाकर एड़ी को फैलाकर नितम्ब को टिका दें। दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।

chat bot
आपका साथी