कृषि विज्ञान केंद्र में मनाया गया स्वच्छता पखवारा
सुपौल। कृषि विज्ञान केंद्र में ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव (रावे) के अंतर्गत अध्ययनरत बीएससी कृषि ि
सुपौल। कृषि विज्ञान केंद्र में ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव (रावे) के अंतर्गत अध्ययनरत बीएससी कृषि विषय के अंतिम वर्ष के छात्रों ने स्वच्छता पखवारा मनाया।
इस क्रम में छात्रों द्वारा केंद्र परिसर में पड़े पॉली बैग, पैकेट, फार्म वेस्ट तथा अन्य कचरा को एकत्रित कर उचित प्रबंधन किया गया। फार्म वेस्ट तथा कागज आधारित कचरे को नैडेप कंपोस्ट टैंक में डालकर कंपोस्ट बनाने के लिए छोड़ा गया। प्लास्टिक वेस्ट को जमीन में गाड़ दिया गया।
ज्ञात हो कि फार्म वेस्ट से कंपोस्ट बनाने के लिए नैडेप बहुत ही उपयोगी एवं आसान विधि है। इसमें ईट से एक जालीदार टैंक में एक फीट कचरा डाला जाता है फिर यूरिया एवं गोबर का घोल इसके बाद फिर एक फीट कचरा और फिर गोबर, यूरिया का घोल। इस प्रकार टैंक के ऊपरी सतह तक भर कर मिट्टी का लेप बना कर टैंक को ऊपर से बंद कर दिया जाता है। 90 से 120 दिनों में यह कचरा पूरी तरह सड़ कर कार्बनिक खाद बन जाता है। एक टैंक का खाद एक हेक्टेयर यानी 2.5 एकड़ खेत के लिए पर्याप्त होता है। इस प्रकार किसान तथा पशुपालक कचरा का प्रबंधन कर रासायनिक खाद पर होने वाले खर्च को कम कर सकते हैं साथ ही जैविक खेती से गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद प्राप्त कर सकते है। जिससे पैसे की बचत के साथ साथ सेहत भी दुरुस्त रखा का सकता है। इस कार्यक्रम में छात्र राकेश कुमार, मुकेश कुमार, प्रवीण कुमार, संतोष कुमार तथा ललन कुमार ने केंद्र के वरीय वैज्ञानिक ई. प्रमोद कुमार चौधरी के मार्गदर्शन में कर्मी विपिन कुमार, राहुल कुमार, विश्वनाथ, शिवचंद्र आदि सक्रिय थे।