कायम रही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन बारिश होने की मान्यता

सुपौल। मंगलवार की आधी रात से शुरू हुई बारिश बुधवार की दोपहर तक टिप-टिप करती रही

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 06:26 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 06:26 PM (IST)
कायम रही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन बारिश होने की मान्यता
कायम रही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन बारिश होने की मान्यता

सुपौल। मंगलवार की आधी रात से शुरू हुई बारिश बुधवार की दोपहर तक टिप-टिप करती रही। इस तरह की बारिश खासकर धान की फसल के लिए अच्छी मानी जाती है। गहरी जमीन में लगी धान की फसलों को भले ही इस बारिश से नुकसान पहुंचा हो लेकिन ऊंची जमीन की फसल के लिए यह काफी फायदेमंद साबित हुई।

मान्यता है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात को बारिश होती है। कहा जाता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कारागार में आधी रात को हुआ था तो बारिश हो रही थी। उसी मान्यता के अनुरूप बारिश हुई। इस साल अधिक बारिश होने के कारण किसानों की धान की रोपाई खत्म नहीं हुई है। जबकि किसान कहते हैं कि पहले जन्माष्टमी के दिन अंतिम रोपनी कर लोग धान के बचे बिचड़े में से कुछ पौधे उखाड़ कर भगवान को अच्छी फसल की कामना के साथ चढ़ाते थे। तटबंध के अंदर और बाहर की गहरी जमीन जिसकी फसल गल गई है वैसे खेतों में किसान जैसे-तैसे रोपाई कर रहे हैं। अब सबसे परेशानी बिचड़े को लेकर है। बिचड़ा कहीं बचा नहीं है। कहीं-कहीं से किसान बिचड़े का प्रबंध कर धान की रोपाई अब भी कर रहे हैं। इधर बारिश ने लगी फसलों को फायदा पहुंचाया है। किसानों का कहना कि जो फसल लग गई है उसे रोज पानी की आवश्यकता होती है। निर्मली के किसान सहदेव मंडल कहते हैं कि अगर धान के पौधे की धुलाई रोज हो तो पैदावार अच्छी होती है। उन्होंने बताया कि इस तरह की बारिश होती रहे तो धान की अच्छी फसल होने की संभावना रहती है।

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