दो ध्रुवों पर प्रखंड और थाना, बेहाल मरौना

सुपौल। कभी कालापानी के नाम से कुख्यात मरौना आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम है। प्राकृतिक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 05:41 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 05:41 PM (IST)
दो ध्रुवों पर प्रखंड और थाना, बेहाल मरौना
दो ध्रुवों पर प्रखंड और थाना, बेहाल मरौना

सुपौल। कभी कालापानी के नाम से कुख्यात मरौना आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम है। प्राकृतिक आपदाओं के दंश और हुक्मरानों की उपेक्षा ने इसे अपनी तस्वीर सुधारने का मौका नहीं दिया है। आज तक यह व्यवस्थित नहीं हो पाया है। इसकी बेहाली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां का प्रखंड कार्यालय और थाना दो ध्रुवों पर अवस्थित है। मरौना के उत्तरी छोर बेलही में प्रखंड कार्यालय है तो दक्षिणी छोर पर थाना है। मरौना से बेलही 30 किलोमीटर दूर है तो यहां से थाना की दूरी 23 किलोमीटर है।

फिलहाल कोसी और तिलयुगा नदी की बाढ़ झेल रहे इस प्रखंड क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा जैसी बुनियादी सुविधा नदारद है। एक पीएचसी के भरोसे लाखों की आबादी है। विकास की रूपरेखा तैयार करनेवाले प्रखंड कार्यालय को अपना भवन तक नहीं हो सका है हालांकि थाना को भवन मिल गया है। कोसी नदी पर बने महासेतु के पूर्व की बात करें तो मरौना से जिला मुख्यालय जाना टेढ़ी खीर मानी जाती थी। यहां कोई सरकारी अधिकारी या कर्मी आना नहीं चाहते थे। जबतक महासेतु का निर्माण हुआ तबतक यह इलाका काफी पीछे चला गया। अब आस जगी है लेकिन विकास की चाल को देखते हुए लगता है कि स्थिति बदलने में वर्षों लग सकते हैं और लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। थाना और प्रखंड कार्यालय एक जगह नहीं होने के कारण लोगों को काफी कठिनाई होती है। लोगों को प्रखंड कार्यालय व थाना से काम लगा ही रहता है लेकिन यहां जाने के लिए लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इन कार्यालयों में एक दिन में कोई कार्य हो जाना आसान नहीं होता सो लोगों को कई चक्कर लगाने पड़ते हैं तो मन थककर चूर हो जाता है। लोगों ने दोनों कार्यालयों को एक जगह स्थापित करने के लिए कई बार विधायक से लेकर अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। बस उम्मीदों के सहारे जिदगी काट रहे हैं यहां के लोग।

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