बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाई जाती है विजयादशमी

संवाद सूत्र करजाईन बाजार (सुपौल) शारदीय नवरात्र में दशहरा पर्व को मां भगवती के विजया स्वरू

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 11:28 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 11:28 PM (IST)
बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाई जाती है  विजयादशमी
बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाई जाती है विजयादशमी

संवाद सूत्र, करजाईन बाजार (सुपौल): शारदीय नवरात्र में दशहरा पर्व को मां भगवती के विजया स्वरूप के कारण विजयादशमी भी कहा जाता है। नवरात्र के मौके पर विजयादशमी का महात्म्य बताते हुए आचार्य पंडित धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने कहा कि मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी इसलिए भी इस पर्व को विजयादशमी कहा जाता है। हिदू धर्मालंबियों का यह प्रमुख त्योहार असत्य पर सत्य की जीत तथा बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन ग्रह-नक्षत्रों की संयोग ऐसे होते हैं जिससे किए जाने वाले काम में विजय निश्चित होती है। आचार्य ने धर्मशास्त्र में वर्णित कथा का उल्लेख करते हुए कहा कि एक बार माता पार्वतीजी ने भगवान शिवजी से दशहरे के त्योहार के बारे में बड़ी उत्सुकता से प्रश्न किया। इसका भगवान शिव ने उत्तर देते हुए कहा कि आश्विन शुक्ल दशमी को सायंकाल में तारा उदय होने के समय विजय नामक काल होता है, जो सब इच्छाओं को पूर्ण करने वाला होता है। इस दिन यदि श्रवण नक्षत्र का योग हो तो और भी शुभ है। भगवान श्रीराम ने इसी विजय काल में लंका पर चढ़ाई कर रावण को परास्त किया था। इसी काल में शमी वृक्ष और अपराजिता की पूजा करनी चाहिए। इसी दिन भगवान इंद्र ने अर्जुन पर प्रसन्न होकर गांडीव वरदान स्वरूप दिया था।

-------------------------------------------- शुभ मुहुर्त के अनुसार करें जयंती छेदन

आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने बताया कि शास्त्रानुसार प्रात:काल में देवी का आह्वान एवं प्रात:काल में ही देवी का विसर्जन अति शुभदायी होता है। विजयादशमी यानि शुक्रवार को सूर्योदय से लेकर पूर्वाह्न के नौ बजे तक जंयती छेदन अर्थात जयंती काटने का शुभ मुहुर्त है। इसलिए शुभ मुहुर्त में ही जयंती छेदन एवं विसर्जन आदि संपन्न करना फलदायी होगा साथ ही इस दिन नीलकंठ दर्शन भी शुभ माना जाता है। आचार्य ने कहा कि नवरात्र व्रत का पारण भी विसर्जन उपरांत करें।

chat bot
आपका साथी