तबाही की बारिश, फूट-फूटकर रो रहे किसान

संवाद सूत्र करजाईन बाजार (सुपौल) सोमवार देर शाम से हवा के साथ मूसलाधार बारिश बर्बादी के

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 12:13 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 12:13 AM (IST)
तबाही की बारिश, फूट-फूटकर रो रहे किसान
तबाही की बारिश, फूट-फूटकर रो रहे किसान

संवाद सूत्र, करजाईन बाजार (सुपौल): सोमवार देर शाम से हवा के साथ मूसलाधार बारिश बर्बादी के निशान छोड़ गई। प्रकृति के कहर ने जहां लोगों को घरों में कैद कर दिया, वहीं किसानों को खून के आंसू बहाने को मजबूर कर दिया। खेतों में लहलहाती फसल देखकर शाम में घर लौटे किसान जब सुबह फिर से खेतों पर पहुंचे तो मंजर देखकर फफकर रोने लगे। खून-पसीने की मेहनत और कर्ज लेकर सजाए गए अरमान धराशायी हो गए। धान के साथ केला की फसलों से तरक्की के सपने गढ़ रहे किसानों के सारे सपने ताश के महल की तरह ढह गए। तेज हवा के साथ बारिश ने धान की फसल को बर्बाद कर दिया। किसान प्रशांत कुमार, सत्यनारायण सहनोगिया, डा. शिवनंदन यादव, दुखमोचन पाठक, महानंद झा, ज्योति कुमार झा आदि ने बताया कि धान की खेती करने वाले किसान हताश हैं। बारिश ने फसल पूरी तरह नष्ट कर दिया है। उन्होंने बताया कि छोटे और मझौले किसान अधिक प्रभावित हुए हैं। किसानों का अगेती किस्म के धान की फसल खेतों में कटकर रखी हुई है, जो बरसात के पानी में पूरी तरह भींग गई है। साथ ही गहरी जमीन में गिरी धान की फसल पानी में डूबी हुई है। बर्बाद किसानों ने सरकार से अविलंब सर्वेक्षण कराकर फसल क्षति की भरपाई की मांग की है। किसानों ने कहा कि यदि सरकार से उचित मुआवजा नहीं मिला, तो भुखमरी की स्थिति पैदा तो हो जाएगी। साथ ही कर्ज के बोझ तले दबे किसान बर्बाद हो जाएंगे।

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किसानों को मुआवजा की मांग

हवा के साथ बारिश से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग क्षेत्र के किसानों ने की है। जिला किसान संघ के सचिव सत्यनारायण सहनोगिया, प्रशांत कुमार, डा. रमेश प्रसाद यादव, प्रो. शिवनंदन यादव, ज्योति कुमार झा लबलू, शिवनारायण मेहता आदि ने कहा कि करजाईन, बायसी, मोतीपुर, परमानंदपुर, हरिराहा आदि पंचायतों में किसानों को काफी नुकसान हुआ है। धान की फसल तो बिल्कुल ही बर्बाद हो गई है। खेतों में घुटने भर पानी लगने से फसल डूबी हुई है। केला की खेती भी प्रभावित हुई है। तेज हवा के चलने से केला के पेड़ धराशायी हो गए हैं। इन्होंने अविलंब प्रभावित किसानों के खेतों का सर्वे कर मुआवजा प्रदान करने की मांग की है।

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