खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी से गरीबों की खिचड़ी पर आफत
जागरण संवाददाता सुपौल बीते वर्ष कोरोना महामारी के विकराल स्वरूप के सामने आने के बाद सरक
जागरण संवाददाता, सुपौल: बीते वर्ष कोरोना महामारी के विकराल स्वरूप के सामने आने के बाद सरकार ने गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की। इसके तहत राशन कार्डधारकों के प्रति सदस्य 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न की सुविधा प्रदान की जा रही है। यह 5 किलो अनाज राशन कार्ड पर पहले से मिल रहे खाद्यान्न के अतिरिक्त दिया जा रहा है। पिछले वर्ष जून से शुरू की गई इस योजना को समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है। फिलहाल इस योजना का लाभ लाभुकों को नवंबर तक मिलना है। मकसद साफ था कि कोरोना संक्रमण के कारण लोगों की रोजी-रोटी छिन जाने से वे बेरोजगारी की दौर से गुजर रहे थे। ऐसे समय में उनके घर भी चूल्हा जले और लोग भूखा नहीं रहे, इसके लिए सरकार ने यह योजना शुरू की परंतु सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना भी अन्य योजनाओं की तरह भ्रष्टाचार से बच नहीं सकी। भले ही योजना से जुड़े अधिकारी और कर्मी जो कह लें, परंतु खाद्यान्न उपलब्ध कराने वाली इस योजना से भ्रष्टाचार की बू निकल रही है। जहां लाभार्थी को तय मात्रा से कम अनाज दिया जाता है वहीं उन्हें घटतौली का भी शिकार बनना पड़ता है। घालमेल का यह खेल सिर्फ यहीं नहीं रुकता, लाभार्थियों को मुफ्त मिलने वाले खाद्यान्न की आड़ में पूर्व से मिलने वाले खाद्यान्न को हजम कर लिया जाता है। हालांकि समय-समय पर उपभोक्ताओं द्वारा इसके विरुद्ध आवाज भी उठाई जाती है परंतु सांठगांठ की डोर इतनी मजबूत है कि उपभोक्ता इसे चाहकर भी तोड़ नहीं पाते। जनवितरण प्रणाली के माध्यम से वितरण होने वाले खाद्यान्न भले ही गरीबों की भूख मिटाई हो या नहीं परंतु वितरण से जुड़े लोग जरूर मालामाल हो गए हैं। जमीनी सच्चाई है कि गरीबों के लिए आवंटित अनाज की अधिकांश मात्रा कालाबाजारी की भेट चढ़कर रह जाती है।
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कौन ले सकता है लाभ
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले राशन कार्ड धारकों को प्रति सदस्य 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न गेहूं या चावल की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अलावा एक किलो दाल भी दी जा रही है। यह 5 किलो खाद्यान्न राशन कार्ड पर पहले से मिल रहे खाद्यान्न के अतिरिक्त दिया जा रहा है। अगर एक राशन कार्ड पर प्रति सदस्य 5 किलो खाद्यान्न इस योजना के पहले तक मिल रहा है तो योजना के तहत प्रति सदस्य 10 किलो खाद्यान्न दिया जाना है। जिसमें 5 किलो बिल्कुल मुफ्त होना है।
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4,33,019 हैं राशन कार्डधारी
जिले में 4,33,019 कार्डधारी हैं जिसमें 3,80,258 गरीबी रेखा से नीचे तथा 52761 अंत्योदय के कार्डधारी शामिल हैं। इन सभी कार्डधारियों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रत्येक माह 89135.5 क्विटल खाद्यान्न की आपूर्ति जिले को दी जाती है। इसमें 35654.02 क्विटल गेहूं तथा 53481.03 क्विटल चावल का आवंटन किया जाता है। खाद्यान्न का वितरण पास मशीन से किया जाता है ताकि वितरण में किसी तरह की हकमारी ना हो परंतु तय मात्रा से कम अनाज उपभोक्ता को देकर पास मशीन में पूरा कर दिखा दिया जाता है।