दोहराएगा इतिहास या बसंतपुर में होगा खास, फैसला आज

जागरण संवाददाता सुपौल जिले में अबतक चार चरण के पंचायत चुनाव हो चुके हैं। इसमें से तीन प

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 06:34 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:34 PM (IST)
दोहराएगा इतिहास या बसंतपुर में होगा खास, फैसला आज
दोहराएगा इतिहास या बसंतपुर में होगा खास, फैसला आज

जागरण संवाददाता, सुपौल : जिले में अबतक चार चरण के पंचायत चुनाव हो चुके हैं। इसमें से तीन प्रखंड प्रतापगंज, छातापुर और राघोपुर के चुनाव परिणाम की घोषणा हो चुकी है। जो चुनाव परिणाम सामने आए हैं उसमें एक बात कामन है कि अधिकांश निवर्तमान जनप्रतिनिधियों पर मतदाताओं ने भरोसा नहीं जताया। बदलाव से सर्वाधिक प्रभावित मुखिया का चुनाव हुआ। तीनों प्रखंड मिलाकर 48 मुखिया पद के लिए चुनाव हुआ जिसमें तीनों प्रखंड से मात्र नौ पुराने मुखिया ही जीत का सेहरा पहन सके शेष 39 को हार का सामना करना पड़ा। कमोबेस अन्य पदों का भी यही हाल रहा। अब आज जब बसंतपुर प्रखंड में हुए चुनाव की मतगणना होगी तो देखना दिलचस्प होगा कि इतिहास दोहराता है या फिर यहां कुछ खास होता है। बसंतपुर प्रखंड की 14 पंचायतों के लिए चुनाव हुए हैं। 14 मुखिया और सरपंच के अलावा 19 पंचायत समिति सदस्य, 2 जिला परिषद सदस्य और 193 पंच और वार्ड सदस्य पद के लिए वोट डाले गए हैं।

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प्रतापगंज से शुरू हुई कहानी

जिले के पहले चरण में प्रतापगंज में चुनाव हुए और इस कहानी की शुरुआत यहीं से हुई। यहां घोषित परिणाम में सात निवर्तमान मुखिया को पराजय का सामना करना पड़ा, दो पंचायतों के मुखिया ने अपनी सीट बचाई। यहां नौ पंचायतों में वोट डाले गए। यहां एक जिला परिषद सदस्य, 12 पंचायत समिति सदस्य, नौ-नौ मुखिया और सरपंच तथा 126 वार्ड सदस्य और 94 वार्ड पंच के लिए वोट डाले गए। 32 पंच निर्विरोध हो गए थे। जिला परिषद सदस्य की एकमात्र सीट के लिए हुए चुनाव में नया चेहरा सामने आया। पंचायत समिति सदस्य के 12 पद में से छह को मतदाताओं ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसी तरह सरपंच के नौ पदों के लिए हुए मतदान में तीन ही अपनी कुर्सी बचा पाए शेष छह अपनी कुर्सी बचाने में सफल नहीं हो सके। इसी तरह पांच पुराने पंचायत समिति सदस्य ही विजयी हुए शेष सात नए चेहरे चुनकर आए।

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छातापुर के 19 मुखिया को करना पड़ा हार का सामना

छातापुर प्रखंड की 23 पंचायत में हुए चुनाव की मतगणना बाद जो परिणाम सामने आए उसमें अधिकांश पंचायतों में मुखिया पद पर नये चेहरे विजयी हुए। 19 मुखिया को मतदाताओं ने बदल दिया। पंचायत समिति सदस्य के 33 पदों के लिए हुए चुनाव में 10 पुराने सदस्य जीत दर्ज कर सके। सरपंच के 23 पद के लिए हुए चुनाव में 9 पुराने सरपंच ही सफल रहे।

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राघोपुर में 13 मुखिया नहीं बचा सके अपनी कुर्सी

राघोपुर प्रखंड में भी अधिकांश निवर्तमान प्रतिनिधि को जनता ने नकार दिया है। तीन निवर्तमान मुखिया एवं दो पंचायत समिति सदस्य ही अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो पाए। कई जगहों पर तो निवर्तमान मुखिया, सरपंच, जिप सदस्य, पंचायत समिति सदस्य को तीसरे या चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा। यहां 16 पंचायतों में 16 मुखिया और सरपंच, 21 पंचायत समिति सदस्य के लिए चुनाव हुए थे। जिला परिषद के निवर्तमान दोनों सदस्य को जनता ने सिरे से खारिज कर दिया।

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