जिससे फेरी थी नजर उसकी नजरें इनायत का इंतजार
संवाद सूत्र त्रिवेणीगंज (सुपौल) प्रखंड क्षेत्र की 23 पंचायतों में सातवें चरण में 15 नवंबर को पंच
संवाद सूत्र, त्रिवेणीगंज (सुपौल): प्रखंड क्षेत्र की 23 पंचायतों में सातवें चरण में 15 नवंबर को पंचायत चुनाव के तहत मतदान होंगे। इसको लेकर संभावित प्रत्याशियों में अभी से ही काफी बेचैनी देखी जा रही है कि कहीं परदेसी वोटरों के नहीं आने से उनका खेल न बिगड़ जाए। कोरोना काल में जिससे नजर फेर ली थी आज उसकी नजरें इनायत का इंतजार हो रहा है। संक्रमण काल के मद्धिम पड़ने के बाद अधिकांश गरीब तबके के लोग रोजी-रोटी के लिए दूसरे प्रदेश चले गए। अब जब चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है तो प्रत्याशी घूम-घूम कर हर एक वोटर की स्थिति का जायजा ले रहे हैं। प्रत्याशी नामांकन करने के साथ मतदाताओं से घर-घर जाकर संपर्क साधने में युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं। प्रत्याशी अपनी जीत का परचम लहराने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। न चाहते हुए भी किसी के पैर छूने पड़े, या लोगों के दरवाजे पर हाथ जोड़कर खड़ा होने से बाज नहीं आ रहे हैं। प्रत्याशी सब कुछ करने को तैयार हैं। इसलिए वे उन मतदाताओं के मोबाइल नंबर भी मांग रहे हैं जो रोजी-रोजगार के लिए परदेश में हैं। प्रत्याशी उन्हें घर बुलाने के लिए हर संभव प्रयास करते नजर आते हैं।
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परदेशी वोटरों पर प्रत्याशियों की है विशेष नजर
इस प्रखंड में अधिकांश लोग किसानी या फिर मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। मजदूरी करनेवाले लोग दो वक्त की रोटी के लिए दूसरे प्रदेश में हैं। कोरोना की दूसरी लहर के कारण दूसरे प्रदेश में मजदूरी कर रहे ऐसे मतदाता अपने घर को लौटे थे, लेकिन गांव में काम नहीं मिलने से उन्हें पुन: मजदूरी करने के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ा। उस समय उन्हें गांवों में रोकने वाला कोई नहीं था। अब प्रत्याशियों को परदेसी मतदाताओं का डर इसलिए भी सताने लगा है कि कहीं वे कोरोना काल की याद नहीं दिला दें। इसे देख प्रत्याशी परदेसी वोटर को अपने पक्ष में मत का प्रयोग करने के लिए अपने खर्च से बुलवाने का आश्वासन उनके स्वजन को दे रहे हैं। यहां तक चुनाव के दौरान मजदूरी के होने वाले नुकसान की भरपाई का भी आश्वासन दिया जा रहा है। खासकर मुखिया प्रत्याशी की परदेशी वोटरों पर विशेष नजर है। उनके आने-जाने का खर्च देने की पेशकश जारी है ताकि उनके वोट से उनकी चुनावी नैया पार हो सके।