खराब मौसम के बावजूद उत्साहित दिखे मतदाता, जमकर निभाई भागीदारी
रौशन कुमार रसिक राघोपुर (सुपौल) प्रखंड के 16 पंचायत में बुधवार को चाक-चौबंद व्यवस्था के
रौशन कुमार रसिक, राघोपुर (सुपौल): प्रखंड के 16 पंचायत में बुधवार को चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच मतदान संपन्न हुआ। कुछ जगहों को छोड़कर बुधवार की अलसुबह खराब मौसम के बावजूद सात बजे मतदान प्रारंभ हो गया। खराब मौसम के बावजूद बड़ी संख्या में मतदाता लाइन में खड़े नजर आए। एक-दो जगह पर ईवीएम में गड़बड़ी के कारण मतदान की प्रक्रिया कुछ समय के लिए बाधित रही। शांतिपूर्ण व निष्पक्ष मतदान को लेकर जिलाधिकारी महेंद्र कुमार, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार, आब्जर्वर अजित कुमार सिंह पूरी निगरानी के साथ मतदान केंद्रों का जायजा लेते दिखे। इस क्रम में इनके द्वारा कई आवश्यक निर्देश दिए गए। सभी बूथों पर पेट्रोलिग मजिस्ट्रेट फोर्स के साथ तैनात किए गए थे। प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र पर बैरियर लगाकर सभी आने-जाने वाले वाहन की चेकिग की जा रही थी। इसके अलावा सभी पंचायतों में सेक्टर मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारी के साथ फोर्स को तैनात किया गया था। प्रखंड व थाना में रिजर्व फोर्स व मतदान कर्मियों को रखा गया था। वहीं विशेष गश्ती दल लगातार सायरन बजा कर क्षेत्र का दौरा कर रहा था। कई जगह गश्ती दल की गाड़ी को देखकर बूथ पर जमा लोग इधर-उधर भागते नजर आए।
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खराब मौसम में उत्साहित थे मतदाता
मतदाता पंचायत सरकार के गठन में काफी सजगता के साथ मतदान करने के लिए कतार में खड़े थे। झमाझम बारिश भी मतदाताओं के उमंग में बाधा नहीं डाल सकी। खराब मौसम के बावजूद बूथ पर लंबी कतार में घंटों का इंतजार मतदाता को खल नहीं रहा था सभी उमंग एवं उत्साह में थे। कहीं जलजमाव के बीच भी लोग पंक्ति में खड़े दिखे तो कहीं छाता और प्लास्टिक से अपने को बचाते। बावजूद अपने मताधिकार के प्रयोग के लिए ²ढ़ निश्चय नजर आ रहे थे। खास बात यह थी कि मतदान के लिए बूथ पर पहुंचे मतदाताओं में महिलाएं पुरुषों से अधिक जागरूक दिख रही थी। वहीं बुजुर्ग मतदाता भी उत्साहित देखे गए। बुजुर्ग और अस्वस्थ मतदाता अपने स्वजन के साथ बूथ पर पहुंचे थे। लोकतंत्र के इस महापर्व में बूढ़े, बुजुर्ग, महिला, नौजवान सभी अपनी भागीदारी से पंचायत सरकार के गठन के लिए उत्साहित दिखे। हालांकि लोगों के उत्साह में सबसे ज्यादा खलल धीमी मतदान प्रक्रिया थी। ऐसा नहीं है कि मतदान कर्मी जान-बूझकर धीमी मतदान करा रहे थे, बल्कि मतदान कर्मियों के लाख कोशिश के बावजूद पंचायत चुनाव व्यवस्था के तहत मतदान में देर हो ही जा रही थी।