अभ्यर्थियों को नाम-निर्देशन पत्र के साथ देना होगा चार शपथ पत्र
संवाद सूत्र सरायगढ़ (सुपौल) सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड में 21 से 27 अक्टूबर के बीच लिए जाने वा
संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल): सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड में 21 से 27 अक्टूबर के बीच लिए जाने वाले नामांकन पत्र को लेकर मंगलवार को अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल ने समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में मतदान कार्य से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी थे। बैठक में बोलते हुए अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि अभ्यर्थियों को अपने नाम-निर्देशन के साथ चार शपथ पत्र देना आवश्यक होगा। अभ्यर्थी तथा प्रस्तावक को अलग-अलग शपथ पत्र देना है। अनुसूची 1, अनुसूची 2, अनुसूची 03 तथा अनुसूची 4 के लिए अलग-अलग शपथ पत्र होंगे। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों तथा कर्मियों से कहा कि नाम-निर्देशन पत्रों की बारीकी से जांच होगी। जांच के बाद सभी नाम निर्देशन पत्रों को कंप्यूटराइज किया जाएगा और फिर उसकी कापी निकाल कर उसकी जांच होगी। उन्होंने कहा कि नाम-निर्देशन पत्र लेते समय विभिन्न जगहों के आरक्षित सीट का भी ख्याल रखा जाए। अभ्यर्थियों को पता होना चाहिए कि वह किस पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर रहे हैं और उसके अनुरूप कागजात लगा रहे हैं अथवा नहीं। बैठक में एसडीओ ने उपस्थित अधिकारियों तथा कर्मियों से नामांकन कार्य तथा चुनाव को लेकर की गई तैयारी की गहन समीक्षा की। बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि पंच सदस्य के नामांकन के लिए एआरओ के रूप में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी शैलेश कुमार, वार्ड सदस्य के नामांकन के लिए प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी जयशंकर झा, पंचायत समिति पद के नामांकन के लिए अंचलाधिकारी जय राम प्रसाद सिंह, मुखिया पद के लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रीता कुमारी तथा सरपंच पद के लिए महिला प्रसार पदाधिकारी चंदा कुमारी एआरओ बनाए गए हैं। आठवें चरण के चुनाव के लिए 21 से 27 अक्टूबर तक नामांकन पत्र लिया जाएगा। बैठक के दौरान विभिन्न कोषांग से जुड़े अधिकारियों तथा कर्मियों के कार्यों की भी जानकारी ली गई। एसडीओ ने कहा कि चुनाव के दौरान कहीं भी कोई आपसी मतभेद पैदा नहीं हो इसका भी ख्याल अधिकारी को रखना होगा। बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी श्वेता, अंचलाधिकारी जयराम प्रसाद सिंह, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी जयशंकर झा, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी शैलेश कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रीता कुमारी, महिला प्रसार पदाधिकारी चंदा कुमारी, निर्वाचन कार्यालय सहायक नित्यानंद भार्गव आदि मौजूद थे।