19 महीने के मानदेय के लिए भटक रहे प्रेरक

-400 साक्षरता कर्मी योजना बंद हो जाने से हो चुके हैं बेरोजगार ---------------------------

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 05:47 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 05:47 PM (IST)
19 महीने के मानदेय के लिए भटक रहे प्रेरक
19 महीने के मानदेय के लिए भटक रहे प्रेरक

-400 साक्षरता कर्मी योजना बंद हो जाने से हो चुके हैं बेरोजगार -------------------------------------- संवाद सूत्र, मरौना (सुपौल): साक्षर भारत योजना के तहत पंचायतों में दो प्रेरकों का नियोजन 2011 में हुआ था। इसमें एक प्रेरक व एक वरीय प्रेरक थे। इन्हें निरक्षर को साक्षर करने की जवाबदेही दी गई। छह वर्ष काम करने के बाद 31 मार्च, 2018 को इनका नियोजन समाप्त कर दिया गया। नियोजन की समाप्ति तक 19 माह के मानदेय का भुगतान नहीं किया गया। अब ये मानदेय के लिए भटक रहे हैं। लेकिन अब विभाग ने इस ओर ध्यान दिया है और सभी कर्मियों से एक शपथ पत्र लेकर मानदेय भुगतान की बात कर रहा है। जिला, प्रखंड व पंचायत स्तर पर संचालित लोक शिक्षा केंद्र के समिति को 2018 में ही भंग कर सभी प्रेरक व वरीय प्रेरक की सेवा समाप्त कर दी गई है। सरकार के जन शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी आदेश के बाद जिले की 181 पंचायतों में चल रहे पंचायत लोक शिक्षा केंद्र को भी बंद कर दिया गया है। सरकार के आदेश के बाद सभी कार्यरत प्रखंड समन्वयक, लेखा समन्वयक, वरीय प्रेरक, प्रेरक तीन वर्षों से बेरोजगार हो गए हैं। 6 वर्षों तक साक्षरता का अलख जगाने वाले कर्मियों में इसको लेकर काफी नाराजगी है तथा कुछ कर्मियों द्वारा न्यायालय में आवेदन देकर न्याय की गुहार भी लगाई है, परंतु अब तक कोई फलाफल नहीं निकल सका है।

----------------------------------- कहते हैं साक्षरता कर्मी

बबीता कुमारी, लक्ष्मी मंडल, सोती लाल यादव, सुमन कुमारी, गणेश राम, पूनम देवी आदि का कहना है कि साक्षरता मिशन को पूरा करने में उनलोगों ने दिन-रात मेहनत किया है। इसके बदले सरकार ने सेवा समाप्ति का ईनाम दिया है। जिले में करीब चार सौ साक्षरता कर्मी बेरोजगार हो गए हैं।

----------------------------------- क्या थी योजना

साक्षर भारत मिशन योजना के तहत जिले के सभी गांवों में 15 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग के असाक्षरों को साक्षर करने की योजना थी। ़िफलहाल यह योजना बंद है।

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कहते हैं डीपीओ

डीपीओ साक्षरता राहुल चंद चौधरी ने बताया कि साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम 31 मार्च 2018 को ही बंद हो गया था। सरकार ने अवधि विस्तार नहीं किया। उस कार्यक्रम से जुड़े सभी कर्मी को सेवा मुक्त कर दिया गया है। जिला व प्रखंड लोक शिक्षा समिति के तहत फिलहाल कोई कार्य नहीं कर रहा है। अधिकांश कर्मियों का मानदेय भुगतान हो चुका है जिन कर्मियों ने प्रभार नहीं दिया था उसी का मानदेय बाकी है उन्हें भी प्रभार देकर अपना मानदेय ले लेने के लिए कहा गया है। शपथ पत्र के बारे में बताया कि सरकार का कोई आदेश नहीं है अपनी सुरक्षा को देखते हुए शपथ पत्र की मांग की गई है। फिलहाल जो भी मानदेय के लिए आवेदन दिए हैं उन्हें भुगतान किया जा रहा है।

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