अभियंताओं के प्रयास और विभागीय कार्रवाई के बाद भी नहीं बांधा जा सका बांध

संवाद सहयोगी निर्मली (सुपौल) कोसी नदी के पानी के तेज धारा से 125 फीट लंबाई में टूटे ग्रा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 06:45 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 06:45 PM (IST)
अभियंताओं के प्रयास और विभागीय कार्रवाई के बाद भी नहीं बांधा जा सका बांध
अभियंताओं के प्रयास और विभागीय कार्रवाई के बाद भी नहीं बांधा जा सका बांध

संवाद सहयोगी, निर्मली (सुपौल) : कोसी नदी के पानी के तेज धारा से 125 फीट लंबाई में टूटे ग्रामीण सुरक्षा बांध को अभियंता-ठीकेदारों के अथक प्रयास और विभागीय कार्रवाई के बावजूद 08 दिनों में भी नहीं बांधा जा सका। अब भी कटाव स्थल पर 10 फीट की लंबाई में कार्य होना शेष है जबकि जल संसाधन विभाग बिहार सरकार के सचिव को कार्यस्थल पर अभियंताओं ने दो दिनों के अंदर बांध को बांध लिए जाने का आश्वासन दिया था। बांध को बांधने में कई दिन बीत गए इस मामले में बिहार सरकार के संयुक्त सचिव द्वारा कार्यस्थल पर जवाबदेह अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया गया है। कार्यस्थल पर उपस्थित अभियंता ने बताया कि आज रात तक बांध को जरूर बांध लिया जाएगा। हालांकि बीते सात दिनों से टूटे बांध को बांधने में अभियंताओं एवं ठीकेदारों के पसीने छूट गए हैं। पहले दिन तो कटाव स्थल पर उपस्थित अभियंताओं एवं ठेकेदारों ने बांध बांधने को हल्के में लिया था कितु जैसे-जैसे दिन बीतता गया बांध बांधने का कार्य भयावह होता चला गया। नए अभियंताओं के पदभार लेने से ठीकेदारों के हौसले बुलंद हुए हैं और कार्य की रफ्तार भी दोगुनी हुई है। अभियंताओं की माने तो शेष बचे कटाव स्थल की गहराई काफी अधिक है। पानी की तेज धारा बह रही है। जहां बोल्डर क्रेटिग, बोरा क्रिटिग, परकोपाइन, बांस पाइलिग कराया जा रहा है।

ज्ञातव्य हो कि 21 जुलाई को डगमारा पंचायत के चुटियाही गांव के निकट ग्रामीण सुरक्षा बांध कोसी नदी की तेज पानी धारा के कारण टूट गया था। जिसे बांधने को लेकर दो दिनों तक पश्चिमी कोसी तटबंध के अभियंताओं ने रुचि नहीं दिखाई। यह कहते हुए टूटे हुए बांध को बांधने से इन्कार कर गए कि यह बांध हमारा नहीं है। फिर ग्रामीण सुरक्षा बांध टूटने के तीसरे दिन ही अति महत्वपूर्ण सिकरहटा-मझारी निम्न बांध सह सड़क भी 60 से 70 फीट की लंबाई में टूट गई। ग्रामीण सुरक्षा बांध के पश्चिम सामने पानी के दबाव बढ़ने से सिकरहट्टा-मझारी लो बांध बह गया। अब अभियंताओं के सामने सिकरहटा-मझारी बांध सह सड़क बांधने की चुनौती आ गई कितु जब तक ग्रामीण सुरक्षा बांध को नहीं बांधा जाता है तब तक सिकरहटा-मझारी बांध को बांधना असंभव लगने लगा। फिर अभियंताओं की टीम ने जिस ग्रामीण सुरक्षा बांध को बांधने से इन्कार किया था उसी बांध को बांधने में अपनी रुचि दिखाते हुए बांधने का कार्य प्रारंभ कर दिया। अब एक नहीं दो बांध बांधने की जरूरत पर गई। हालात यह है कि अभियंताओं एवं ठीकेदारों की टीम लगातार कार्य कर रही है, बावजूद ग्रामीण सुरक्षा बांध को नहीं बांधा जा सका।

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