सूबे में मानक के अनुरूप नहीं है 1140 सरकारी विद्यालय

सुपौल। राज्य में 1140 ऐसे सरकारी प्राथमिक विद्यालय हैं जो शिक्षा के मौलिक अधिकार के अंतग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Dec 2018 07:39 PM (IST) Updated:Wed, 19 Dec 2018 07:39 PM (IST)
सूबे में मानक के अनुरूप नहीं 
है 1140 सरकारी विद्यालय
सूबे में मानक के अनुरूप नहीं है 1140 सरकारी विद्यालय

सुपौल। राज्य में 1140 ऐसे सरकारी प्राथमिक विद्यालय हैं जो शिक्षा के मौलिक अधिकार के अंतर्गत विद्यालय संचालन के जरूरी मानकों को पूरा नहीं करते है। जबकि इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन एवं अन्य सुविधाओं की पूर्ति के लिए प्रतिमाह लाखों की निकासी हो रही है। इस बाबत सुपौल जिला में भी लगभग 21 विद्यालय है।

जानकारी के मुताबिक, यह आंकड़ा 2017-18 के यू डायस के आंकड़ों से उजागर हुआ है। हालांकि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और सभी जिलों को निर्णय लिए जाने का आदेश जारी किया है।

राज्य परियोजना निदेशक बिहार शिक्षा परियोजना पटना ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान सुपौल सहित राज्य के सभी जिले को पत्र लिख कर निदेश दिया है कि प्राथमिक विद्यालय के यू डायस 2017-18 के आंकड़ों के विश्लेषण से यह मामला परिलक्षित हुआ है कि राज्य के 1140 प्राथमिक विद्यालय में बच्चों का नामांकन 40 से कम है। जो बच्चों के मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के कंडिका 4-(1) (क) का स्पष्ट उल्लंघन है। आरटीई एक्ट में स्पष्ट है कि 06 से 14 आयु वर्ग के बच्चों की संख्या कम से कम 40 हो वहीं प्राथमिक विद्यालय खोला जाए। नियम के विपरीत सुपौल जिले में विद्यालय खोले जाने के मानक के अनुरूप 21 विद्यालय नहीं पाए गए।

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सुपौल के एक विद्यालय में नहीं है एक भी बच्चे

जिले में एक ऐसा भी विद्यालय है जहां बच्चों की संख्या शून्य है। 01 से 20 बच्चों तक नामांकित विद्यालयों की संख्या 06 है। 21 से 30 बच्चों वाले नामांकित विद्यालयों की संख्या 02 और 31 से 39 बच्चों वाले विद्यालयों की संख्या 12 है। गंभीर पहलू यह है कि ऐसे विद्यालय 2006 से ही चल रहे हैं और पदस्थापित शिक्षकों के वेतन के नाम पर प्रति माह लाखों रुपये की निकासी हो रही है। शर्तो को पूरा नहीं करने वाले ऐसे विद्यालयों पर आज तक पदाधिकारियों की नजर नहीं गई। राज्य सरकार ने ऐसे तमाम विद्यालयों को भौतिक सत्यापन करते हुए जिला स्तर पर निर्णय लेने का आदेश दिया है।

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आरटीई के शर्तो को पूरा नहीं करता है ये विद्यालय

राज्य परियोजना निदेशक द्वारा जारी सूची के अनुसार राज्य 1140 प्राथमिक सरकारी विद्यालय आरटीई के शर्तो को पूरा नहीं करता है। राज्य में 13 ऐसे विद्यालय हैं जहां छात्रों का नामांकन शून्य है। 01 से 20 बच्चों वाले विद्यालयों की संख्या 171, 21 से 30 बच्चों वालों विद्यालय की संख्या 336 तथा 31 से 39 बच्चों वाले विद्यालय की संख्या 620 है। वहीं दूसरी ओर जिले में कई ऐसे विद्यालय हैं जहां छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक है और शिक्षकों की संख्या कम।

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